Delhi Air Pollution: जाड़ों में लोगों को प्रदूषण का सामना न करना पड़े इसके लिए केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (CAQM) ने बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने अब 800 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले जेनरेटरों (Generators) को सिर्फ एक घंटे तक चलाने की अनुमति दी है. इसके अलावा आयोग ने आठ सौ किलोवाट क्षमता वाले सभी जेनरेटरों को ऊंचाई पर रखने को भी कहा है.


ऊंचाई पर रखने होंगे सभी जेनरेटर


आयोग के निर्देशानुसार जेनरेटर को भवन की ऊंचाई से कम से कम 6 मीटर और तीस मीटर से अधिक ऊंचाई पर रखना होगा.  उदाहरण के तौर पर यदि किसी भवन की ऊंचाई 20 मीटर है तो डीजल जेनरेटर(डीजी) सेट को 30 मीटर की ऊंचाई पर रखना होगा. वहीं यदि किसी भवन की ऊंचाई 27 मीटर है तो जेनरेटर को 33 मीटर की ऊंचाई पर रखना होगा.


डीजल जेनरेटर दिल्ली में वायु प्रदूषण के बड़े कारक


आयोग ने दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण के लिए डीजल जेनरेटरों को एक बड़ा कारक माना है. आयोग के निर्देशानुसार जिन क्षेत्रों में पीएनजी ढांचा और गैस उपलब्ध हैं वहां पर आठ सौ किलोवाट क्षमता वाले जेनरेटर डुअल मोड (गैस आधारित ईंधन और डीजल) वाले होने चाहिए.  ऐसे जेनरेटरों को एक दिन में सिर्फ दो घंटे चलाने की अनुमति होगी, वहीं जहां पीएनजी ढांचा नहीं है, वहां सिर्फ एक घंटे ही इस क्षमता के जेनरेटर चलाने की अनुमति होगी. आयोग ने इस निर्देश को दिल्ली एनसीआर के सभी राज्यों के लिए लागू किया है. साथ ही आयोग ने कहा है कि निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए.


1 अक्टूबर से लागू होगा ग्रैप
जाड़ों में  दिल्ली-एनसीआर में  प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू  किया जाता है, जिसमें प्रदूषण के अलग-अलग स्तर के साथ ही अलग-अलग प्रतिबंधात्मक कदम भी उठाए जाते हैं. आम तौर पर ग्रैप 15 अक्टूबर से 15 फरवरी तक लागू होता है, लेकिन इस बार आयोग ने इसे 1 अक्टूबर से लागू करने के निर्देश दिये हैं, ताकि वायु प्रदूषण को समय से ही रोका जा सके.


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