Ghaziabad: लालच में अंधा हुआ भतीजा! लकवा से पीड़ित चाचा के पेंशन अकाउंट से उड़ाए 2.45 लाख रुपये
Loni News: गाजियाबद के लोनी के रहने वाले लकवाग्रस्त व्यक्ति के साथ हुई इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने कडा एक्शन लिया. पुलिस ने एक आरोपी व्यक्ति के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है.
Ghaziabad Loni News: गाजियाबाद के लोनी में 2.45 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां पर एक भतीजे ने अपने चाचा के पेंशन खाते से धोखाधड़ी करके 2.45 लाख रुपये निकाल लिए हैं. वहीं पुलिस ने आरोपी भतीजे के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पीड़ित के बेटे ने आरोप लगाया कि अगस्त 2021 से कई लेनदेन के माध्यम से उसके पिता के खाते से लगभग 2.45 लाख रुपये निकाले गए हैं.
इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि 27 साल के एक व्यक्ति को उसके लकवाग्रस्त चाचा के पेंशन खाते से 2.45 लाख रुपये निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला है और आरोपी राहुल बैसला रानी बाग में एक निजी कंपनी में सेल्समैन के रूप में काम करता है. पुलिस ने कहा कि यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित के बेटे ने आरोप लगाया कि अगस्त 2021 से कई लेनदेन के माध्यम से उसके पिता के पेंशन खाते से लगभग 2.45 लाख की धोखाधड़ी हुई है.
धारा 420 के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
बुराड़ी की रहना वाली पीड़ित दिल्ली जल निगम की सेवानिवृत्त कर्मचारी था. उसे इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब वह पासबुक अपडेट करने के लिए बैंक गया. पुलिस ने शिकायत के आधार पर साइबर नॉर्थ पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि आरोपी भतीजे ने चाचा के खाते से अपने पेटीएम खाते में पैसे ट्रांसफर किए.
पेटीएम से खाता लिंक कर पैसे किए ट्रांसफर
वहीं इस मामले को लेकर डीसीपी (नॉर्थ) सागर सिंह कलसी ने कहा कि मोबाइल नंबर की कॉल जानकारी के निकालने के बाद आरोपी की पहचान का पता लगा. इसके बाद पुलिस ने बैसला को 5 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया जो पीड़ित का भतीजा है. पुलिस की पूछताछ में आरोपी भतीजे ने खुलासा किया कि वह साल 2011 से अपने चाचा के साथ रह रहा था और उसने साल 2021 में चचेरे भाई के अनुरोध पर उसके दोस्त को चाचा के खाते से 1 लाख रुपये उधार दिए. जब वह चाचा के साथ रह रहा था तो उसी दौरान उसने चाचा के डेबिट कार्ड की जानकारी लेली. इसके बाद उसने अपने चाचा के बैंक खाते को अपने पेटीएम से जोड़ा और पैसे अपने पेटीएम वॉलेट में भेज दिए.
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