Delhi News: दिल्ली परिवहन विभाग ने पैसेंजर और गुड्स व्हीकल मालिकों को बड़ी राहत देते हुए स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट की अनिवार्यता में छूट दे दी है. अब लोग सीधे परिवहन विभाग की व्हीकल इंस्पेक्शन यूनिट में जाकर गाड़ी के फिटनेस टेस्ट करा सकेंगे. परिवहन विभाग के इस फैसले से दिल्ली में पंजीकृत ऑटो, टैक्सी, बस, टेंपो समेत सभी प्रकार के ट्रांसपोर्ट वाहनों के फिटनेस जांच के लिए गाड़ी में स्पीड गवर्नर लगाने वाली कंपनी का सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 


स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ी तो फिटनेस टेस्ट के वक्त वाहन में लगे जीपीएस डिवाइस के डेटा की जांच करके या जैक लगा कर गाड़ी की स्पीड लिमिट चेक कर यह पता किया जा सकेगा कि उसमें लगा स्पीड गवर्नर ठीक से काम कर रहा है या नहीं.


लंबे अरसे से वाहन चालक थे परेशान 


अब तक वाहन चालकों को हर बार फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने से पहले स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट लेने के लिए गाड़ियों के डीलर या स्पीड गर्वनर लगाने वाली कंपनियों के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे. इसके लिए मोटी फीस भी देनी पड़ती थी. वहीं, स्पीड गवर्नर लगाने वाली कई कंपनियों के बंद हो जाने के कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा था. परिवहन विभाग के इस फैसले के बाद उन वाहन चालकों को इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे बिना दफ्तरों के चक्कर काटे फिटनेस जांच करवा सकेंगे.


इन वाहनों के लिए दिखाना होगा स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट


परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर (वीआईयू) ने इसे लेकर 2 जनवरी को एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर के मुताबिक 1 अक्टूबर 2015 के बाद रजिस्टर्ड हुए वाहनों को फिटनेस जांच कराने के लिए अलग से स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट नहीं दिखाना पड़ेगा, क्योंकि ये सभी गाड़ियां 15 अप्रैल 2015 को सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में जोड़े गए रूल नंबर 118(1) के दायरे में आती हैं. ऐसी गाड़ियों में या तो वाहन निर्माता खुद स्पीड गवर्नर लगाकर देते हैं या गाड़ी के डीलर उनमें स्पीड गर्वनर लगवाते हैं और केवल रजिस्ट्रेशन के वक्त ही मैन्युफैक्चरर या डीलर की तरफ से जारी किया गया स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट दिखाना होता है.


अब फिटनेस रिन्यू के समय नहीं पड़ेगी इसकी जरूरत 


रूल 118(2) के प्रावधानों के तहत 1 अक्टूबर 2015 से पहले रजिस्टर्ड गाड़ियों के चालकों को फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराते समय अभी भी स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट दिखाना होगा. इसके अलावा, झुलझुली स्थित व्हीकल इंस्पेक्शन यूनिट में जितने भी हेवी व्हीकल फिटनेस जांच कराने के लिए आएंगे, उनके गवर्नर ठीक से काम कर रहे हैं कि नहीं, इसकी जांच वहां लगे ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों पर की जाएगी.


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