Delhi Aggregators Policy News : केजरीवाल सरकार देश की राजधानी दिल्ली में जल्द ही एग्रीगेटर नीति लागू करने की तैयारी में जुटी है. अब किसी भी समय इसका ऐलान हो सकता है. इसका मकसद दिल्ली में पाल्यूशन के स्तर को नियंत्रित करने के साथ निजी कंपनियों के वाहन हायर करने के बाद यात्रियों की होने वाली परेशानियों निजात दिलाना है. इसके दायरे में ओला-उबर जैसी कंपनियां आएंगी. ओवर चर्जिंग या यात्रियों से गलत आचरण आदि की शिकायतों पर एग्रीगेटर पॉलिती के तहत तहत कार्रवाई होगी. साथ ही एग्रीगेटर सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों को एक निश्चित संख्या तक इलेकिक्ट्रक व्हीकल में बदलना होगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली की केजरीवाल सरकार देश की राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी पहल करते हुए मोटर वाहन एग्रीगेटर्स स्कीम 2021 को लागू करने जा रही है. साल 2023 की शुरुआत में यह स्कीम जमीन पर आ जाएगी. इस नीति में जहां इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा, वहीं ओला-उबर जैसी कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसने की भी तैयारी है. यदि ऐसी कंपनियों से संबंधित चालक सवारियों से अधिक पैसा वसूलता है या ठीक से पेश नहीं आता है, तो संबंधित चालक और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.
बेड़े में 5 से 10% वाहन होंगे इलेक्ट्रिक
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली जल्द ही शहर में यात्रा व माल परिवहन और वितरण सेवाएं प्रदान करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा. वाहन बेड़े को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बनाने पर ध्यान दिया जाएगा. इसके साथ ही नीति के अगले साल की शुरुआत में लागू होने की उम्मीद है. इस नीति के तहत अब राइड एग्रीगेटर्स यानि ओला उबर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नये बेडें में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना होगा. नीति की अधिसूचना की तारीख से नये दोपहिया वाहनों में से 10 प्रतिशत और सभी नये चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक के सुनिश्चित करने होंगे.
एग्रीगेटर्स नीति की खासियत
1. एक महीने में 15 प्रतिशत या इससे अधिक शिकायतों वाले चालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा.
2. एक वर्ष की अवधि में 3.5 से कम रेटिंग वाले चालकों को प्रशिक्षण और सुधारात्मक उपाय करने होंगे.
3. अकुशल चालकों के प्रदर्शन की निगरानी एग्रीगेटर और परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी.
4. यदि प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है तो परिवहन विभाग उनके वाहन बैज को समाप्त कर देगा.
5. वाहन आठ वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए.
6. वाहन उनमें एग्रीगेटर का लोगो लगा होना चाहिए.
7. यदि प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है तो परिवहन विभाग उनके वाहन बैज को समाप्त कर देगा.
8. वाहन आठ वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए.
9. वाहन उनमें एग्रीगेटर का लोगो लगा होना चाहिए.
एग्रीगेटर्स को करने होंगे ये काम
1. कैब में पैनिक बटन लगवाना होगा ताकि आपात स्थिति में स्थानीय पुलिस से संपर्क किया जा सके.
2. यात्रियों को कम से कम दो लोगों को लोकेशन शेयर करने की सुविधा हो.
3. एप के फायरवाल का निर्माण कराना होगा. ताकि यात्रियों के पर्सनल डाटा लीक न हों.
4. दिल्ली में सचालन के लिए परिवाहन विभाग से लाइसेंस लेना होगा.
5. कंपनियों को स्टैंडर्डाइजेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन से मान्यता प्राप्त करना होगा.
यह भी पढ़ें: Delhi Corona Update: दिल्ली में कोरोना के खिलाफ एक्शन की तैयारी, सरकारी अस्पतालों का होगा निरीक्षण, बढ़ेगी जांच