Delhi Strike: दिल्ली सरकार की डीटीसी बसों में ड्राइवर और कंडक्टर के रूप में पिछले 15 साल से काम कर रही महिलाकर्मी बीते शनिवार से डीटीसी की सरोजनी नगर डिपो में हड़ताल पर बैठी हैं. ये हड़ताल उनके स्थायी वेतन और स्थायी नौकरी की मांग को लेकर है. इस हड़ताल की वजह से दिल्ली के कई रूट्स पर बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किलोमीटर के अनुसार भुगतान से परेशानी
हड़ताल पर बैठी डीटीसी की महिलाकर्मियों की मांग है किउन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर प्रति किलोमीटर के अनुसार नहीं बल्कि फिक्स सैलरी दी जाए साथ ही उन्हें 60 साल की उम्र तक की पक्की नौकरी मिले ताकि वे सुरक्षित महसूस कर सकें और बिना किसी मानसिक दवाब के अपनी ड्यूटू कर सकें. उनका कहना है कि किलोमीटर के अनुसार भुगतान के कारण वे काफी दवाब महसूस करती हैं.
हड़ताल पर बैठी एक महिला बस चालक नीतू ने कहा कि वे सभी दिल्ली की सर्दी में बिना गद्दे-कंबल के खुले आसमान के नीचे सिर्फ इसलिए बैठी हैं कि उन्हें उनका हक मिल सके. उनका कहना है कि वे सभी 15 साल से डीटीसी को अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन उन्हें हमेशा ही कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद नौकरी जाने का डर बना रहता है, किलोमीटर के अनुसार पैसे मिलने की व्यवस्था की वजह से वे सभी लगातार काफी प्रेशर में रहती हैं.
स्थायी कर्मियों के समान काम तो...
उन्होंने कहा कि कागजों में उन्हें 15 किलोमीटर के दायरे में ड्यूटी की बात कही गयी थी, लेकीन हकीकत तो यह है कि उन्हें डिपो तक आने में घंटों लग जाते हैं. इसके अलावा लंबे-लंबे रूट पर वे बसों को चलाती हैं. ऐसे में उन्हें भी स्थायी नौकरी वाली सुविधा और सुरक्षा मिलनी चाहिए. जब वे स्थायी कर्मियों के समान काम करती हैं तो उन्हें वेतन भी समान दिया जाए.
डीटीसी महिला कर्मियों ने सरकार से की ये मांग
एक महिला चालक आशु ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने भी समान काम समान वेतन का आदेश जारी कर रखा है तो दिल्ली सरकार उन्हें स्थाई कर समान वेतन क्यों नहीं दे रही है. जब रातों-रात एक डिपो से दूसरे डिपो में उनका ट्रांसफर किया जा सकता है तो उनकी नौकरी भी स्थाई होनी चाहिए. उनकी मांग है की उन्हें 60 साल की आयु तक की पक्की नौकरी और उनके काम का फिक्स वेतन उन्हें दिया जाए और जब तक सरकार या उनके कोई प्रतिनिधि यहां आकर उनसे बात करके उन्हें उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन नहीं देते तब तक उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी.
डीसी के ज्यादातर कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर?
गौरतलब है कि दिल्ली में 28000 डीटीसी बस कर्मी हैं. इनमें से लगभग 80 फ़ीसदी कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार क्या इन महिला कर्मियों को मांगों को मानकर इन्हें स्थाई करेंगे यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. बहरहाल इन डीटीसी महिला कर्मियों की हड़ताल की वजह से फिलहाल कई रूटों पर बस का संचालन प्रभावित है और खास कर यात्रियों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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