Delhi CM Atishi: आप सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर स्कीम के तहत 3220 नए वकीलों को 5 लाख रुपये के फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस और 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस देने का फैसला किया है. इस निर्णय को सीएम आतिशी से मंजूरी मिल गई है.


दिल्ली सरकार अपने चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर स्कीम के तहत वर्तमान में 27,000 से ज़्यादा वकीलों को 10 लाख का टर्म इंश्योरेंस और 5 लाख का मेडिकल इंश्योरेंस दे रही है और अब ये संख्या बढ़कर लगभग 31,000 हो जाएगी.


इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आप सरकार ने हमेशा वकीलों की बेहतरी के लिए काम किया है और करती रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत के वकीलों का प्रोफेशन सबने महत्वपूर्ण, संविधान को साक्षात रूप में उतारकर लोगों को न्याय दिलवाते हैं.


साथ ही यह भी कहा कि चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर स्कीम के तहत दिल्ली सरकार ने वकीलों को 10 लाख का टर्म इंश्योरेंस और 5 लाख का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाता है. उन्होंने साझा किया कि चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर स्कीम में अब तक लगभग 27,000 से ज़्यादा वकील एनरोल हुए और अब ये संख्या बढ़कर लगभग 31,000 हो जाएगी.


कोरोना के दौरान मददगार हुआ साबित 
उन्होंने कहा कि 2019 में दिल्ली सरकार ने वकीलों की बेहतरी के लिए चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर स्कीम की शुरुआत की और सालाना इसमें 50 करोड़ रुपये का फंड देती है. इसके तहत एनरोल सभी वकीलों को 10 लाख रुपये की टर्म इंश्योरेंस और अब 5 लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है और जब इस स्कीम की शुरुआत हुई उसके तुरंत बाद कोरोना के दौरान ये स्कीम हमारे वकील साथियों के लिए बहुत मददगार साबित हुआ. 


'हम वकीलों के प्रति अपनी सभी ज़िम्मेदारी निभाते आये हैं'
सीएम आतिशी ने कहा, ''हजारों वकीलों और उनके परिवारों ने मेडिकल इंश्योरेंस का लाभ उठाया.'' मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि एक सरकार के रूप में हम वकीलों के प्रति अपनी सभी ज़िम्मेदारी निभाते आये है और आते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम हमेशा वकीलों की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे. बता दे कि, इस स्कीम के तहत एनरोल वकीलों को 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस दिया जाता है. 


'5 लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाता है'
साथ ही ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस के तहत वकीलों उनके जीवनसाथी और 25 वर्ष तक के दो आश्रित बच्चों के लिए 5 लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाता है. साथ ही ये अनिवार्य है कि वकील का बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में पंजीकृत होना चाहिए और दिल्ली के मतदाता होने चाहिए.


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