Liquor Prices Hike in Delhi: दिल्ली में शराब पीना हुआ महंगा, जानिए कितने फीसदी तक बढ़े दाम
परिसर के अंदर के लिए देश में निर्मित विदेशी शराब पर थोक विक्रेता से खुदरा विक्रेता तक यह शुल्क रुपये में एक पैसे रखा गया है, जबकि परिसर के बाहर के लिए यह शुल्क रुपये में 25 पैसे होगा.
Liquor Price Hike in Delhi: दिल्ली में शराब पीना अब महंगा हो गया है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने शराब के दाम को बढ़ाने का फैसला लिया है और इसे लेकर वित्त विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दिया है, जो 17 नवंबर से लागू हो जाएगी. बताया जा रहा है कि नए आदेश से दिल्ली में शराब के दामों में 10 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी. वहीं शराब पर एक फीसदी वैट घटा गया है, हालांकि इसका कीमत पर कुछ खास असर देखने को नहीं मिलेगा.
दुकानों में निजी ऑपरेटर तय करेंगे रेट
सरकार ने दिल्ली मूल्य संवर्धित कर अधिनियम- 2004 में संशोधन करते हुए जो आदेश दिया है, उसके अनुसार परिसर के अंदर के लिए देश में निर्मित विदेशी शराब पर थोक विक्रेता से खुदरा विक्रेता तक यह शुल्क रुपये में एक पैसे रखा गया है, जबकि परिसर के बाहर के लिए यह शुल्क रुपये में 25 पैसे होगा. वहीं इस प्रकार खुदरा व्यापारियों के लिए भी जो व्यवस्था लागू की गई है. यह व्यवस्था रुपये में एक पैसे होगी जबकि परिसर में जैसे होटल, क्लब और होटल में यह शुल्क 25 पैसे होगा. नई नीति के लागू होने के बाद अब नई दुकानों को लाइसेंस दिए गए हैं. आने वाले दिनों में निजी ऑपरेटर ही इन दुकानों पर किस दर पर शराब की बिक्री होगी वह तय करेंगे.
नहीं होगी लाइसेंस की जरूरत
नई आबकारी नीति के तहत बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउसों आदि स्थानों के लाइसेंस प्राप्त परिसरों में शादी समारोहों, पार्टियों और अन्य कार्यक्रमों में शराब परोसने के लिए अस्थायी पी-10 लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी. पी-10 लाइसेंस की जगह एक साल के लिए एल-38 लाइसेंस लेना होगा. जिसे 5 से 15 लाख रुपए के शुल्क के भुगतान पर दिया जाएगा और यह राशि लाइसेंस प्राप्त परिसर के आकार पर निर्भर करेगी. दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति के तहत एल-38 लाइसेंस के आवेदनों के लिए नियम और शर्तें भी जारी की है.
एक फीसदी घटाया वैट
कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनी के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरी का कहना है कि वैट 25 फीसदी हुआ करता था और इसे घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है, लेकिन कीमतों पर इसका कोई वास्तविक असर नहीं होगा क्योंकि पूरे प्राइसिंग स्ट्रक्चर को बदल दिया गया है. उन्होंने कहा कि खुदरा लाइसेंस, उत्पाद शुल्क और वैट के लिए मामूली दर के बजाय, सरकार ने नीलामी के लिए आधार मूल्य में इन्हें शामिल किया है. गिरि ने कहा कि लाइसेंस धारक जो आधार मूल्य से अधिक बोली लगाते हैं, अधिकांश स्थानों के लिए 225 करोड़ रुपये, राशि की वसूली करना चाहते हैं.
ये है लाइसेंस की डेडलाइन
आबकारी विभाग ने सभी मौजूदा शराब लाइसेंस धारकों, गेस्ट हाउस से लेकर रेस्तरां और होटलों तक को 16 नवंबर तक नई आबकारी प्रणाली में स्थानांतरित करने के लिए कहा है. उन्हें 17 नवंबर से मार्च 2022 तक एक अवधि के लिए पिछले और नए लाइसेंस शुल्क के अंतर का भी भुगतान करना होगा.