Delhi News: कहते हैं न, बहादुरी और नेक काम करने की कोई उम्र नहीं होती. ये बात हम लोग बचपन से सुनते आये हैं, लेकिन इसे हकीकत में सच कर दिखा है, देश की राजधानी दिल्ली के बच्चे हबीबा (Habiba) और निहाल (Nihal) ने. दोनों ने बहादुरी और समझदारी का परिचय देते हुए, न केवल एक बाल विवाह (Child Marriage) को होने से रोका बल्कि इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए एक नाबालिक लड़की की गैर कानूनी शादी भी नहीं होने दी.


दरअसल, ​हबीबा और निहाल को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि एक 16 साल की मासूम लड़की की शादी होने वाली है. यह शादी उसकी मर्जी के खिलाफ हो रही है. इस सूचना को पाकर दोनों बेचैन हो गए. दोनों ने फैसला लिया कि नाबालिक मासूम की शादी नहीं होने देंगे. इसके बाद दोनों ने बाल विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद की और दिल्ली पुलिस को इसकी मौके पर सूचना देकर एक और बाल विवाह होने से रोक दिया. दोनों बच्चों को इसी बहादुरी और समझदारी भरे काम के लिए दिल्ली सरकार ने एक भव्य कार्यक्रम में दौरान सम्मानित किया. 



सीएम केजरीवाल बोले - 'हम बहादुर बच्चों के साथ  '


इस दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी उपस्थित थीं. इस मौके पर सीएम अरविं​द केजरीवाल और स्वाति मालीवाल ने दोनों का हौसला बढ़ाया और कहा कि हर मुश्किल में और नेक काम में हमारी सरकार आपके साथ है. बता दें कि दिल्ली सरकार हर साल उन बच्चों को सम्मानित करती है जो गंभीर खतरे का सामना करते हुए अनुकरणीय साहस, सूझ-बूझ और बहादुरी का परिचय दिया हैं. जिन्होंने दूसरों की जिंदगी की रक्षा के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालकर साहस और निस्वार्थ सेवा के कार्य किए हैं. दिल्ली सरकार की ओर से इस पुरस्कार को देने का मकसद बहादुर और कुछ बेहतर कर गुजरने वाले बच्चों को सामने लाना है. 


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