Delhi News: दिल्ली सरकार अगले साल तीन चरणों में बैग, कटलरी, फिल्म, बैनर, रैपर जैसे सिंगल-यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना बना रही है. इसकी शुरुआत थर्मोकोल और गुब्बारे, झंडे और कैंडी के साथ इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की स्टिक से की जाएगी. दिल्ली


सरकार की ड्राफ्ट सिंगल यूज प्लॉस्टिक पॉलिसी के हैं तीन चरण


दिल्ली सरकार की ड्राफ्ट सिंगल यूज प्लॉस्टिक पॉलिसी के अनुसार, पहले चरण को 1 जनवरी से लागू किया जाना था. हालांकि, ऐसा संभव नहीं लगता क्योंकि इस नीति को अभी तक कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली है.  वहीं जुलाई, 2022 से नियोजित दूसरे चरण का उद्देश्य प्लास्टिक कटलरी (कप, प्लेट, चाकू, कांटे और गिलास), प्लास्टिक रैपिंग और पैकिंग फिल्म्स, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक स्टिरर और बैनर जो मोटाई में 100 माइक्रोन से कम को बंद करने की योजना है. वहीं तीसरे फेज में, नीति के अनुसार, 30 सितंबर, 2022 से 240 माइक्रोन से कम मोटाई के गैर-बुने बैग पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.


वहीं पॉलिसी तैयार करने में शामिल पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पेश किए जाने से पहले डॉक्यूमेंट्स को सभी सरकारी विभागों के साथ “अगले पखवाड़े के भीतर” सुझावों और टिप्पणियों के लिए शेयर किया जाएगा.


पॉलिसी सिंगल-यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को लेकर करेगी जागरूक


हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एक पर्यावरण अधिकारी ने कहा कि “प्रत्येक विभाग से सुझाव और फीडबैक मांगे जाएंगे और प्लान को अपडेट करने के बाद, हम इसे कैबिनेट के समक्ष रखेंगे. एक बार नीति को अंतिम रूप देने के बाद प्लास्टिक की वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना के लिए वित्तीय परिव्यय की गणना की जाएगी. ” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलिसी पर्यावरण पर सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है, न कि अपराधियों को तुरंत दंडित करने पर.


ड्राफ्ट पॉलिसी के ये है सुझाव


बता दें कि ड्राफ्ट पॉलिसी में प्लास्टिक की थैलियों के स्थान पर पेपर बैग, कपड़े के बैग, जूट के बैग और रीयूजेबल कॉटन बैग, प्लास्टिक स्टिरर के स्थान पर बांस की छड़ें, सिगरेट पैक के लिए री-साइकिल कार्डबोर्ड और पेपर बॉक्स, रैपिंग शीट के रूप में सेल्युलोज नैनोफाइबर और बैगास, कार्डबोर्ड कागज या बांस से बने कटलरी का सुझाव दिया गया है.


वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर सिंगल यूज वाली प्लास्टिक वस्तुओं को री-साइकिल नहीं किया जा सकता है, और वे लैंडफिल साइटों पर अपना रास्ता खोज लेते हैं, या नालियों को बंद कर देते हैं. अगर इन्हें डिस्पोज किया जाता है तो वे हवा को प्रदूषित करते हैं और समय के साथ लाखों छोटे टुकड़ों में टूट सकते हैं जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक के रूप में जाना जाता है जो मिट्टी और पानी को दूषित करते हैं.


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