Omicron: ओमीक्रोन के खतरे से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने कैसी की है तैयारी? यहां जानें बेड से लेकर ऑक्सीजन की जानकारी
Omicron: दिल्ली सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमिक्रोन' के आशंकित खतरे से निपटने के लिए कमर कस ली है. इसके लिए ऑक्सीजन युक्त 30,000 बिस्तर तैयार किए हैं.इनमें से 10,000 आईसीयू बिस्तर हैं.
Omicron Variant: देश और दुनिया में एक बार फिर कोरोना के नए वैरिएंट ने हड़कंप मचा दिया है. वहीं दिल्ली सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमिक्रोन' के आशंकित खतरे से निपटने के लिए कमर कस ली है. इसके लिए ऑक्सीजन युक्त 30,000 बिस्तर तैयार किए हैं.इनमें से 10,000 आईसीयू बिस्तर हैं. वहीं 6,800 बिस्तर फरवरी तक तैयार किए जा रहे हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी सरकार ने बढ़ा दिया है. दिल्ली सरकार ने इसके साथ ही 32 तरह की दवाओं का ऑर्डर भी दे दिया है ताकि उनका दो महीने का 'बफर स्टॉक' तैयार किया जा सके.
सीएम केजरीवाल ने दी थी ये जानकारी
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में ये जानकारी भी दी थी कि सरकार ने 442 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सुविधा तैयार की है, जो पिछली लहर के दौरान नहीं थी. उम्मीद यही है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर का सबक दिल्ली में आने वाले किसी भी संकट से निजात दिला पाए और ये खतरा भी जल्द से जल्द टल जाए.
दिल्ली सरकार ने की ओमिक्रोन के लिए तैयारी
दिल्ली सरकार का दावा है कि राजधानी में कोरोनावायरस की तीसरी लहर की तैयारी अच्छे से कर ली गई है. फिर चाहें वो ऑक्सीजन प्लांट लगाना हो या ओमिक्रोन वायरस के लिए वार्ड की व्यवस्था हो. सरकार की इन तैयारियों का जायजा लेने के एबीपी न्यूज की टीम LNJP पहुंची. जहां अस्पताल के एमडी सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर में हमारा अस्पताल दिल्ली में सबसे बड़ा Covid सेंटर बना था. यहां से सबसे ज्यादा मरीज ठीक होकर घर गए हैं. करीब 25 हजार लोगों का यहां इलाज हुआ है.
दवाईयों को भी स्टॉक पूरा है
उन्होंने बताया कि इस बार हमें नई जिम्मेदारी ओमिक्रोन वायरस की मिली है. जिसके लिए हमने 40 बेड्स तैयार किए हैं. तीसरी लहर के लिए हमारी तैयारी पूरी है. पहले ऑक्सीजन की कैपेसिटी 5 मैट्रिक टन थी अब 55 मेट्रिक टन है. साथ ही ऑक्सीजन बेड्स बड़ी संख्या में बढ़ाए गई हैं. सभी बेड्स पर सेंट्रल पाइपलाइन की सुविधा उपलब्ध करवाई है. वहीं वेंटीलेटर, मॉनिटरिंग आदि का एडवांस सिस्टम हमारे पास उपलब्ध है. इसके अलावा दवाइयों की समूची व्यवस्था हमने कर ली है और रेमडेसिवर का भी स्टॉक हम पहले ही रख लिया है और पहले अस्पताल में ऑक्सीजन बाहर से आती थी, अब अस्पताल में ही ऑक्सीजन प्रोडक्शन संभव होगा.
ओमीकोन के लिए 40 बेड है तैयार
सुरेश कुमार ने ये भी बताया वार्ड में सेंट्रल मॉनिटरिंग के लिए स्क्रीन प्रत्येक बेड पर लगाए गए हैं. जिसमे पल्स, ऑक्सीजन की मात्रा इत्यादि डिस्प्ले होगा. यहां 25 बेड तीसरी लहर के लिए एडवांस तैयार किए हैं इसके अलावा ओमीक्रॉन के लिए अलग से 40 बेड्स तैयार किए हैं जिसके लिए अलग से टीम भी तैयार की जा रही है. COVID की दूसरी लहर में रही ऑक्सीजन की कमी अब नहीं रहेगी क्योंकि पहले अस्पताल में 5 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता थी अब, प्रतिदिन 55 मेट्रिक टन की क्षमता हमारे पास है.
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