Delhi News: दिल्ली सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को उनके स्थान पर नए अधिकारी की तैनाती संबंधी निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है, साथ ही उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. दिल्ली सरकार ने मोरे को पिछले सप्ताह उनके पद से हटा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्शन में केजरीवाल सरकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति वाले अपने एक फैसले में कहा था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा शासकीय नियंत्रण है. शीर्ष अदालत ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर नियंत्रण आप सरकार को दिया था.
मोरे ने नहीं दिया कारण बताओ नोटिस का जवाब
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मोरे ने सेवा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा 13 मई को भेजे गए कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है. स्थानांतरण से संबंधित घटनाक्रम पर बातचीत के लिए मोरे से संपर्क नहीं हो सका. भारद्वाज ने मोरे को भेजे गए मेमो में उन आरोपों पर 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा कि मोरे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले तथा उनके स्थानांतरण के निर्देंशों के पालन से इनकार किया. सेवा मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी से फोन के जरिए अथवा व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क साधने की तमाम कोशिशों का कोई परिणाम नहीं निकला क्योंकि वह छुट्टियों की सूचना के बिना ‘फरार’ हैं.
'सेवा विभाग के सचिव के तबादले को लागू नहीं कर रहा केंद्र'
गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार यह आरोप लगाते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी कि केंद्र उसके सेवा विभाग के सचिव के तबादले को लागू नहीं कर रहा है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि वह मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेंगे.
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