Delhi News: दिल्ली नई आबकारी नीति का विवादों में आने के बाद भले ही केजरीवाल सरकार ने 1 सितंबर, 2022 से लागू अपनी उत्पाद शुल्क नीति वापस ले ली, लेकिन इस नीति का दिल्ली सरकार को लाभ यह मिला कि उसके खजाने में राजस्व का बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ. साल 2022-23 के दौरान यानी वर्ष दिल्ली आबकारी विभाग ने 61 करोड़ से अधिक शराब की बोतलें बेचीं. ऐसा कर दिल्ली सरकार ने कुल 7,285 करोड़ रुपये कमाए. यानी साल 2021-22 की तुलना में 1797.57 करोड़ रुपये की ज्यादा कमाई केजरीवाल सरकार को नई आबकारी नीति से हुई. 


दिल्ली आबकारी विभाक के अधिकारियों ने कहा है कि केजरीवाल सरकार ने अपनी मौजूदा आबकारी नीति के तहत पिछले साल 61 करोड़ से अधिक शराब की बोतलें बेचकर 7,285 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. उत्पाद शुल्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 1 सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक कुल उत्पाद शुल्क राजस्व संग्रह 7,285.15 करोड़ रुपये था, जिसमें मूल्य वर्धित कर (वैट) के रूप में एकत्र किए गए 2,013.44 करोड़ रुपये शामिल थे.


LG ने की थी CBI जांच की सिफारिश


साल 2021-22 में नई आबकारी नीति से राजस्व संग्रह 5,487.58 करोड़ रुपये रहा. अधिकारियों ने कहा कि नई उत्पाद शुल्क नीति जिसके तहत निजी पार्टियां खुदरा शराब की बिक्री में शामिल थीं, को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद पिछले साल दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया था. इस मामले में तत्कालीन डिप्टी सीएम और उत्पाद शुल्क मंत्री मनीष सिसोदिया को 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर दर्ज एक मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. यह नीति 17 नवंबर, 2021 को लागू की गई और अगस्त 2022 में समाप्त हो गई.


नई नीति के बाद खुली थी 600 नई दुकानें


बता दें कि पुरानी आबकारी नीति 1 सितंबर, 2022 को लागू की गई थी, जिसमें दिल्ली सरकार की एजेंसियां ​​शहर में शराब की खुदरा बिक्री कर रही थीं. 1 सितंबर 2022 से दिल्ली सरकार के चार उपक्रम  दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS), और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड अधिकारियों ने कहा था कि डीएससीएससी ने शहर भर में 600 से अधिक खुदरा दुकानें खोली हैं.


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दिल्ली नई आबकारी नीति से सरकार में खजाने में हुआ इजाफा