दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने शनिवार को मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) आयोजित की गई. यह राजधानी के सभी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से पहले की गई जो कोरोना महामारी के दो साल बाद हुई. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम में करीब 60 से 80 प्रतिशत अभिभावक आए और पीटीएम में शिक्षकों ने अभिभावकों से विद्यार्थियों की पढ़ाई में प्रगति को लेकर बातचीत की.


पीटीएम में सरकारी स्कूल में दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा महामारी के कारण स्कूल लगभग दो सालों से बंद थे. इससे न केवल हमारे बच्चों की शिक्षा को नुकसान पहुंचा, बल्कि उनकी सोचने समझने और खुश रहने की क्षमता भी प्रभावित हुई है. अब समय की मांग है कि इसे मिलकर ठीक किया जाए. माता-पिता और शिक्षकों के संयुक्त प्रयासों से बच्चों को महामारी के बाद की स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी. सिसोदिया ने कहा लोग धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आ रहे हैं. आने वाले दो-तीन महीनों में पूरा ध्यान पढ़ाई सीखने के गेप को कवर करेगा. ऑनलाइन समाधान कभी नहीं बल्कि एक स्टॉप-गैप व्यवस्था थी. 


इस मीटिंग को लेकर मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा- अभिभावक और शिक्षक बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए जिम्मेदार 2 महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. इसलिए छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन की बेहतरी के लिए आज दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया. 2 साल बाद बच्चों को नए शैक्षणिक सत्र के लिए क्लासरूम में देख बेहद खुशी हुई.


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सरकारी स्कूल में हुई मेगा पीटीएम में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के पिता मदन सिंह रावत ने कहा बच्चे दो साल बाद वापस आने के लिए बहुत उत्साहित हैं. हमें उम्मीद है कि कक्षाएं केवल शारीरिक रूप से होंगी न कि ऑनलाइन मोड के माध्यम से. ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान बच्चों को बहुत नुकसान हुआ है, उन्होंने शिक्षकों के साथ बातचीत करने का अवसर गंवा दिया. एक अन्य अभिभावक ने कहा दो साल बाद स्कूल वापस आने के बाद माता-पिता और छात्र दोनों खुशी महसूस कर रहे हैं.