Waterlogging In Delhi: दिल्ली में हर साल मानसून (Monsoon) के दौरान बारिश के बाद जलभराव की समस्या उभर कर सामने आ जाती है. हर साल इससे निपटने की कवायद में कई कदम उठाए जाते हैं, जो शायद नाकाफी होते हैं. बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव देखने को मिलता है, लेकिन इस साल दिल्ली सरकार (Delhi Government) जलभराव की समस्या से लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर काफी गंभीर है. ऐसे में समय रहते इससे निपटने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. एक तरफ एमसीडी (MCD) को नालों की सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने डीडीए (DDA) को भी जलभराव की समस्या से निपटने के निर्देश दिए हैं.


इसे लेकर डीडीए अभी से ही मानसून में होने वाले जलभराव को रोकने की तैयारियों में जुट गया है. नालों को जलाशयों से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है. इससे जहां एक तरफ भूजल स्तर में सुधार आएगा, वहीं दूसरी तरफ जलभराव की समस्या भी इससे काफी हद तक कम हो जाएगी. डीडीए दिल्ली के कई इलाकों में स्टॉर्म वाटर ड्रेन और ट्रंक ड्रेन बनाएगा. इसके जरिए जलभराव वाले स्थानों से बारिश के पानी को जलाशयों तक पहुंचाया जाएगा. कई जगहों पर काम की शुरुआत भी की जा चुकी है.


जलभराव वाले 165 स्थानों को किया गया चिन्हित


हर साल मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली की समस्या से निपटने के लिए पीडब्लूडी ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. जलभराव वाले 165 स्थानों को चिह्नित किया गया है. डीडीए बारिश के पानी का इस्तेमाल भूजल स्तर को बढ़ाने में करेगा. डीडीए स्टॉर्म वाटर ड्रेन और ट्रंक ड्रेन बना रहा है, जिससे बारिश के पानी को रिचार्ज पिट और पार्कों तक ले जाया जाएगा. दिल्ली सरकार ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए हैं कि मॉनसून से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं, जिससे दिल्ली के लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े.


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