Delhi News : गुरुवार को हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि दिल्ली में शराब की 489 रजिस्टर्ड ब्रैंड है, जिसमें से 30 नवंबर तक 428 शराब के ब्रैंड का रिटेल प्राइस (MRP) तय कर दिया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा जस्टिस रेखा पाली को एक सूची दी गई. जिसमें बताया गया कि 428 ब्रैंड जिनका रिटेल प्राइस निश्चित है, उसमें 300 भारतीय ब्रैंड की शराब हैं और 128 विदेशी ब्रैंड की शराब हैं.
लेवी लाइसेंस फी को लेकर दायर है याचिका
दिल्ली हाई कोर्ट को ये जानकारी 16 रिटेल शराब वेंडरों द्वारा दी गई जनहत याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई. याचिका में वेंडरों ने दिल्ली सरकार के एक नवंबर 2021 के लेवी लाइसेंस फीस लेने के फैसले को चुनौती दी गई है. जिसमें कहा गया है कि जब तक सभी तरह के ब्रैंड की कीमत तय नहीं हो जाती लाइसेंस फीस को रोका जाए.
याचिकाकर्ताओं को मिली राहत
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि लाइसेंस की फीस न देने वाले याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से रजिस्टर्ड ब्रैंड का अपडेट चार्ट मांगा है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने शराब की अपडेट सूची तैयार किए जाने तक सुनवाई को टाल दिया.
क्या कहा गया है दायर याचिका में?
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता संजय एबॉर्ट और तन्मय मेहता ने रखा. ये याचिका L-7Z और L-7V लाइसेंस धारकों द्वारा दी गई है. 16 रिटेल वेंडरों द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने ब्रैंड के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और एमआरपी तय करने में काफी देरी की है. याचिका में ये भी कहा गया है कि नई एक्साइज ड्यूटी के अंतर्गत 30 अक्टुबर तक दिल्ली में एक भी ब्रैंड रजिस्टर्ड नहीं किया गया था. इसके अलावा न ही किसी ब्रैंड के लिए एमआरपी तय की गई थी.
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