Delhi News: दिल्ली सरकार ने कहा जल्द नहीं बढ़ेगी पार्किंग फीस, क्या नगर निकाय चुनाव है वजह?
Delhi News: दिल्ली में नगर निकाय चुनाव करीब हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इन चुनावों को देखते हुए ही दिल्ली सरकार ने पार्किंग शुल्क ना बढ़ाने का फैसला किया है.हालांकि सरकार महामारी को वजह बता रही है .
दिल्ली में पार्किंग शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा. हालांकिं दिल्ली सरकार की 2019 की अपनी पार्किंग नीति और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में एक आपातकालीन कदम के रूप में पार्किंग शुक्ल फीस बढ़ाना अनिवार्य है. लेकिन सोमवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में पार्किंग शुल्क जल्द नहीं बढ़ाया जाएगा फिर चाहए शहर कम से कम छह वर्षों के प्रदूषण के सबसे खराब दौर से ही क्यों ना गुजर रहा हो.
कोविड-19 की वजह से बिगड़ी वित्तिय स्थिति को देखते हुए पार्किंग शुल्क नहीं बढ़ेगा
हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत ने कहा है कि, “यह सच है कि दिल्ली में पार्किंग की दरें जल्द नहीं बढ़ाई जाएंगी. हालांकि पार्किंग नीति निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में पार्किंग शुल्क में भारी वृद्धि को अनिवार्य करती है लेकिन, कोविड -19 महामारी के कारण लोगों को होने वाली गंभीर वित्तीय कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने फिलहाल पार्किंग फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है. ”
सिर्फ महामारी नही है पार्किंग शुल्क न बढ़ाए जाने की वजह
दिल्ली सरकार और नगर निगमों के कम से कम तीन अधिकारियों ने कहा कि बढ़ोतरी को टालने का कारण सिर्फ महामारी नहीं है. वहीं एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि, “नगर निकाय चुनाव करीब हैं- यह संभवतः अप्रैल में कुछ समय के लिए निर्धारित किया जाएगा. इसलिए, शहर में कहीं भी पार्किंग शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला है. ”
2019 को दिल्ली रखरखाव और पार्किंग स्थल प्रबंधन नियम नोटिफाई हुआ था
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 33 लाख चौपहिया और 73 लाख दोपहिया वाहन हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं शहर के रजिस्टरों में हर दिन लगभग 500 नई कारें जुड़ती हैं. निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए, दिल्ली सरकार ने 25 सितंबर, 2019 को दिल्ली रखरखाव और पार्किंग स्थल प्रबंधन नियम, 2019 को अधिसूचित किया था. नीति के अनुसार, नई पार्किंग दरें परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता वाली आधार पार्किंग शुल्क (बीपीएफ) समिति द्वारा तय की जानी थीं. अक्टूबर 2019 में, BPF समिति, जिसमें सरकार और नगर निगमों के अधिकारी शामिल हैं, एक फॉर्मूले के साथ आई, जिसके तहत कनॉट प्लेस (CP) जैसे पॉपुलर एरिया में 10 घंटे के लिए 1000 रुपये की लागत पर कार पार्क कर सकते हैं.
वहीं पैनल ने सुझाव दिया कि चार पहिया वाहनों के लिए बेस फीस 10 रुपये प्रति घंटा और दोपहिया वाहनों के लिए 5रुपये प्रति घंटा होना चाहिए. जबकि प्रस्तावित न्यूनतम दर दो कैटेगरी के लिए 20रुपये और 10रुपये प्रति घंटे के मौजूदा शुल्क से कम दिखाई दे सकती है, बेस फीस को चार मापदंडों- पार्किंग स्थल, अवधि, स्थान और दिन के समय के आधार पर गुणा किया जाना चाहिए था.
उदाहरण के लिए, समिति ने "सिफारिश की कि पार्किंग के स्थान के आधार पर मल्टीप्लिकेशन फैक्टर 1 से 3 तक भिन्न हो सकता है, जिसे नागरिक एजेंसियों द्वारा स्थान पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद तय किया जाएगा.” वहीं सीपी, लाजपत नगर और करोल बाग जैसे क्षेत्र, जहां भारी यातायात रिकॉर्ड किया जाता हैं, वेसबसे महंगे बैंड में होने थे.
22 अक्टूबर को हुई समीक्षा बैठक में पार्किंग शुल्क न बढ़ाने का लिया गया फैसला
इन सिफारिशों को गहलोत की अध्यक्षता वाली शीर्ष निगरानी समिति द्वारा रिकमंड किया जाना था. हालांकि, इसे रोक दिया गया था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 22 अक्टूबर को हुई समीक्षा बैठक में मंत्री ने समिति को स्पष्ट कर दिया था कि अगले आदेश तक पार्किंग शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी.
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