Delhi School Result: दिल्ली सरकारी स्कूल के छात्र बड़ी संख्या में हुए फेल, बच्चों को पास कराने के लिए शिक्षक खुद लिख रहे हैं कापी!
Delhi Govt School Result: दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से सरकारी स्कूलों को 6 अप्रैल तक का समय दिया गया है. इसके बाद नंबर सुधार कर शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अंकों का विवरण पुनः अपलोड किया जाएगा.
Delhi Govt School 9th And 11th Result: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं. बीते 31 मार्च को आए दिल्ली के सरकारी स्कूलों के मुख्य परीक्षा परिणाम को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के रिजल्ट इस बार अनुमान के मुताबिक नहीं रहे हैं. दिल्ली के ज्यादातर सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही सीमित रहे हैं. यहां तक की बड़ी संख्या में छात्रों के इस बार फेल होने की भी सूचना है. शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) की ओर से दिल्ली के सरकारी स्कूलों को 6 अप्रैल तक का समय दिया गया है. इसके बाद अंक सुधार कर शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अंकों का विवरण पुनः अपलोड किया जाएगा.
इस मामले को लेकर एबीपी लाइव ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की तो वह इस मामले में पूरी तरह स्पष्ट जवाब देने से बचते नजर आए. हालांकि, उन्होंने इस बात की जानकारी दी की कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं और 11वीं के परिणाम अनुमान के मुताबिक नहीं रहे हैं. शिक्षकों की तरफ से अपना पूरा प्रयास किया गया, लेकिन अधिकांश सरकारी स्कूलों के कुल परिणाम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ही सीमित रहे हैं.
अलग-अलग होतें हैं हर स्कूलों के परीक्षा परिणाम- प्रधानाचार्य
उन्होंने कहा कि कक्षाओं में कुल बच्चों के पास होने के प्रतिशत में भी कमी देखी गई है. इसके अलावा जब अन्य सरकारी स्कूल के शिक्षक से इस मामले में एबीपी लाइव ने संपर्क किया तो उनका कहना था कि हर स्कूलों के परीक्षा परिणाम अलग-अलग होतें हैं, लेकिन इस बार का कक्षा 9वीं और 11वीं का परीक्षा परिणाम उत्साहजनक नहीं रहा है.
'कोरोना काल से बच्चों की पढ़ाई हुई प्रभावित'
प्रधानाचार्य ने बताया कि कोरोना काल से ही स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बहुत हद तक प्रभावित हुई है. ऑनलाइन पढ़ाई में शिक्षकों ने पूरा प्रयास किया, लेकिन शत-प्रतिशत उसका सफल परिणाम अभी भी देखने को नहीं मिला है. इसके अलावा बहुत से स्कूलों में बच्चों की गैर हाजिरी भी ऐसे परिणाम की प्रमुख वजह बन रही है. सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी है कि दोबारा अंकों को अपडेट किए जाने वाले निर्णय को लेकर अब शिक्षकों की ओर से खुद बच्चों को पास कराने के लिए कुछ कॉपिया भी लिखी गई है. इसके अलावा परिणाम को दोबारा बेहतर करने के लिए अब शिक्षकों की तरफ से प्रयास किया जा रहे हैं.
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