Delhi News: कहा जाता है कि समाज को प्रगतिशील और स्वस्थ बनाने के लिए आवश्यक है कि हमेशा खुश रहा जाए. इन्हीं अवधारणाओं को केंद्र में रखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा अपने शिक्षा मॉडल को बेहतर बनाने की मुहिम जारी है. इसी कड़ी में तकनीकी शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करने के उद्देश्य से अब दिल्ली के एक्सीलेंस स्कूलों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार का यह भी प्रयास है कि छात्रों द्वारा बिना किसी तनाव अथवा चिंता के पाठ्यक्रम अथवा पढ़ाई को पूरा कराने पर जोर दिया जाए. ताकि छात्र स्वस्थ रहकर जीवन के उद्देश्य को हासिल कर सकें.
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने राजधानी के शिक्षक, प्रिंसिपल, विभाग के अधिकारियों को हैप्पीनेस करिकुलम पर संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शिक्षकों को विशेष तौर पर बच्चों के साथ एक बेहतर संवाद बनाने और तनावरहित वातावरण में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आतिशी ने यह भी कहा कि इस साल हैप्पीनेस क्लासेस स्कूल से बाहर निकलकर परिवार और समाज में भी जाएंगी. अब बच्चे अपने घरों और मोहल्लों में लोगों को खुश रहने के गुर सिखाएंगे.
जानिए क्या है हैप्पीनेस करिकुलम?
हैप्पीनेस करिकुलम के माध्यम से स्कूली बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया जाता है. हैप्पीनेस करिकुलम एक ऐसी व्यवस्था है जो दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी के सरकारी स्कूलों में लागू की गई है. इस योजना के तहत कक्षा नर्सरी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को स्कूल के प्रथम घंटी यानी पहले 40 मिनट तक जीवन में खुशहाल और स्वस्थ रहने संबंधित विषयों को सिखाया जाता है जिसमें योगा, मेडिटेशन, मोटिवेशनल कहानियां, खुशहाल और मन को शांत रहने के अन्य प्रयोग शामिल है. निःसंदेह दिल्ली सरकार के इस पहल से लाखों बच्चों को बीते वर्षों से लाभ भी मिला है.
आज के भागमभाग भरे दौर में तो इसका महत्त्व और ज्यादा बढ़ गया है. अभिभावक व्यस्त होने की वजह से बच्चों से काफी दूर हो जाते हैं और बच्चे अपना अधिक समय गैजेट और मोबाइल में बिताते हैं. इससे बच्चों का मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है. मन ही मन वह दुखी भी रहते हैं. इसके अलावा छोटी-छोटी बातों पर बच्चे निराश भी हो जाते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के इस हैप्पीनेस करिकुलम की वजह से लाखों बच्चों को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिल रही है बल्कि जीवन के सबसे मजबूत आधार शिक्षा को भी आसानी से प्राप्त करने में सहायता मिल रही है.
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