Delhi Government School Retired Teacher Got Her Dues After 10 Years: दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women’s Commission) ने हस्तक्षेप कर एक रिटायर्ड सरकारी स्कूल की शिक्षिका (Delhi Government School Teacher) को उनकी 10 साल से बाकी लगभग 20.59 लाख रुपये सामान्य भविष्य निधि (GPF) की बकाया राशि पाने में सहायता की. शिकायतकर्ता ने स्कूल अधिकारियों द्वारा पिछले 10 सालों से अपने जीपीएफ बकाया और सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान न करने के संबंध में आयोग से संपर्क किया था. कमीशन की पहल के बाद शिक्षिका को न केवल बकाया राशि जोकि 20 लाख रुपए के करीब है, मिल गई है बल्कि इतने सालों तक उनको भुगतान क्यों नहीं किया गया इस पर शिक्षा विक्षाग से जवाब भी मांगा गया है.
30 सालों तक किया शिक्षण का कार्य -
शिक्षिका ने आयोग को सूचित किया कि उन्होंने राजधानी (Delhi) के विभिन्न सरकारी स्कूलों (Delhi Government Schools) में 30 से अधिक वर्षों तक काम किया है और वह 2012 में दल्लूपुरा के एक सरकारी स्कूल से सेनानिवृत्त हुईं. लेकिन उनके रिटायरमेंट के 10 साल से अधिक समय बीतने के बावजूद भी उन्हें अपना बकाया जीपीएफ और सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिले. इसके लिए वह कई सालों से संघर्ष कर रही थी और फिर उन्होंने इस मामले में आयोग से संपर्क किया.
महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद मिली राशि -
दिल्ली महिला आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता शिक्षिका से मुलाकात की. प्रोमिला गुप्ता ने इस मामले का शीघ्र निपटारा करने के लिए शिक्षा विभाग, दिल्ली सरकार को तुरंत नोटिस और समन जारी किया. उसके बाद अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई और सेवानिवृत्त शिक्षिका को उनका हक मिला.
आयोग को शिक्षा विभाग ने सूचित करते हुए बताया कि शिक्षिका को 20,59,881 रुपए का जीपीएफ भुगतान किया जा चुका है और साथ ही विभाग उनको जल्द से जल्द उनके सेवानिवृत्ति लाभों को देने की कोशिश भी कर रहा है.
क्या कहना है आयोग की अध्यक्ष का -
आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सेवानिवृत्त शिक्षिका को 30 से अधिक सालों तक कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अपने अधिकार का जीपीएफ बकाया राशि प्राप्त करने के लिए 10 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा. आयोग यह सुनिश्चित करेगा की शिक्षिका को उनके अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी जल्द से जल्द प्रदान किए जाएं. मैंने शिक्षा विभाग को तलब कर जीपीएफ राशि मिलने में इतनी देरी के लिए जिम्मेदारी तय करने को कहते हुए उनसे जवाब मांगा है. उत्पीड़न के प्रति आयोग की जीरो टॉलरेंस की नीति है और इस मामले में आयोग कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.’
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