Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपल वीके सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने तदर्थ आधार पर और संविदात्मक नियुक्तियों को समाप्त करने की उद्देश्य से प्रदेश के शिक्षा विभाग को रिक्ति वर्ष 2014-15 से 2019 के लिए उप प्रधानाचार्यों के 1027 पदों के पुनर्बहाली को मंजूरी दे दी है. ये पद तय समय सीमा के भीतर नहीं भरे जाने के कारण स्वतः ही समाप्त हो गए थे. उप प्रधानाचार्च के 1027 पदों में से 873 पद तदर्थ आधार पर भरे गए थे, जबकि बचे हुए 154 पद भरे ही नहीं गए थे.
उपराज्यपाल कार्यालय के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक विभाग के सुचारू कामकाज के लिए इन पदों की भारी कमी है. इसलिए उप प्रधानाचार्य के पदों पर पुनर्बहाली जरूरी थी. जानकारी के मुताबिक उप प्रधानाचार्य के 100 प्रतिशत पद, पूर्व के नियमों के अनुसार पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने थे. इसे 15 अक्तूबर 2018 की अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया गया था. जिसमें उप प्रधानाचार्य का कैडर ग्रुप 'बी' राजपत्रित से ग्रुप 'ए' राजपत्रित कर दिया गया था.
दिल्ली सरकार के स्कूलों में उप प्रधानाचार्यों की भारी कमी
साथ ही चयन का तरीका पदोन्नति के माध्यम से 100 प्रतिशत से घटा कर 50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सीधी भर्ती के माध्यम से कर दिया गया. उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में उप प्रधानाचार्यों की भारी कमी है और काम का प्रबंधन पीजीटी के माध्यम से किया जा रहा है. जो उप प्रधानाचार्य (तदर्थ आधार पर पदोन्नत) के रूप में काम कर रहे हैं, वह एक एक अस्थायी व्यवस्था के तहत है, जिसमें कुछ सीमाएं हैं और इसे लंबे समय तक जारी नहीं रखा जा सकता है. इसलिए ये पद विभाग के सुचारू कामकाज के लिए आवश्यक हैं और यूपीएससी के माध्यम से इन पदों को भरने के लिए इन पदों के पुनर्बहाली की तत्काल आवश्यकता है.
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