Delhi News: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में लीडरशिप स्किल को डेवलप करने और स्कूल की विभिन्न भूमिकाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के मकसद से स्टूडेंट एडवायजरी बोर्ड (SAB) का गठन किया गया है. स्टूडेंट एडवायजरी बोर्ड, स्कूल की बेहतरी के साथ विभिन्न पहलुओं पर स्कूल प्रशासन से अपने विचार साझा करेगा. इससे न केवल छात्रों में लीडरशिप स्किल का विकास होगा, बल्कि इससे स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में भी सकारात्मक पहल माना जा रहा है. 


पहले चरण में दिल्ली सरकार ने 20 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अमल कराया था. इसके शानदार परिणाम को देखते हुए दिल्ली के एक हजार से भी ज्यादा स्कूलों में लागू कर दिया गया है. स्कूलों में स्टूडेंट एडवायजरी बोर्ड के गठन के लिए छात्रों द्वारा स्टूडेंट्स एडवाइजरी बोर्ड के सेक्रेटरी जनरल और सदस्यों का चुनाव किया गया. जिसके बाद, सोमवार को शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में SAB के नवनिर्वाचित सेक्रेटरी जनरल से मुलाकात की और उनमें लीडरशिप स्किल को लेकर चर्चा की.


छात्रों को मिलेगा SAB का लाभ


SAB के जनरल सेक्रेटरी ने अपने अनुभव और स्कूल की बेहतरी के साथ-साथ SAB द्वारा किए गए विभिन्न काम और उनके प्रभाव को शिक्षा मंत्री के साथ साझा किया. उन्होंने शिक्षा मंत्री को SAB की गठन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि इससे उन्हें लीडरशिप, कम्युनिकेशन, क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग के स्किल्स डेवलप करने में भी काफी मदद मिली.


स्कूली छात्रों में बढ़ा आत्मविश्वास


द्वारका के एएसओएसई में पढ़ने वाली मुस्कान ने बताया कि SAB से उन्हें चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जानकारी मिली. उन्होंने चुनाव लड़ा और ईमानदार वादे किए, जो स्कूल के माहौल को प्रभावित करने की दिशा में पहला कदम था. इससे उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला. वहीं, लाजपत नगर के शहीद मुलानी सर्वोदय विद्यालय की छात्रा गौरी ने कहा कि SAB का हिस्सा बनने के बाद उन्हें पता चला कि स्कूल में डिसिजन मेकिंग में उनके विचार भी अहमियत रखते हैं, जो स्कूल को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.


क्या है स्टूडेंट एडवायजरी बोर्ड (SAB)


स्टूडेंट एडवायजरी बोर्ड, स्कूली छात्रों की सलाहकार समिति है, जिसके सेक्रेटरी जनरल और सदस्यों का छात्रों द्वारा ही चुनाव किया जाता है. चुने गए सेक्रेटरी जनरल और सदस्य स्कूल और छात्रों से संबंधित विचारों को स्कूल के साथ साझा कर सकते हैं, जिसके आधार पर स्कूल प्रशासन निर्णय ले सकती है. सरकारी स्कूलों में लागू किये गए SAB को इस तरह से डिजाइन किया गया है की स्कूलों में निर्णय लेने की प्रक्रिया में छात्रों और उनके विचारों को शामिल किया जा सके. SAB का उद्देश्य विभिन्न स्कूल एक्टिविटीज़ को डिजाइन करने, मैनेजमेंट करने और उन्हें क्रियान्वित करने की दिशा में छात्रों की भूमिका बढ़ाना है. इससे जिम्मेदारी की भावना लाने, मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता, लीडरशिप और टीम मैनेजमेंट जैसे स्किल को डेवलप करने में सहायता मिली और छात्रों में आत्मविश्वास भी बढ़ा है. SAB के माध्यम से छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने का एक प्लेटफॉर्म मिला है.


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