Delhi Politics News: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) की चिट्ठी पर दिल्ली सरकार ने पलटवार किया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली सरकार का आरोप है कि षड्यंत्र के तहत दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाओं समेत अन्य जरूरी सामग्री की कमी की जा रही है. ऐसे में अफसरों पर कार्रवाई उपराज्यपाल ही कर सकते हैं.
दिल्ली सरकार ने कहा कि LG का पत्र दिखाता है कि वे उन अफसरों पर कार्रवाई नहीं करना चाहते. जबकि दिल्ली में दवा की कमी के लिए जिम्मेदार अफसरों की तरफ़दारी कर रहे हैं. वह गरीबों की दवाई और इलाज पर राजनीति कर रहे हैं.
सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों पर गलत जानकारी देने के लगाए आरोप
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल से सरकारी अस्पतालों में दवाइयों और जरूरी चीजों की अनुप्लब्धता के मुद्दे की जांच की मांग की है. एलजी के नाम चिट्ठी में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव उन्हें इस बारे में गलत और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं. सौरभ भारद्वाज ने जांच कराने के अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकारी झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने विनय कुमार सक्सेना से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश देने की मांग की.
इसके पहले सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी जमीनी हकीकत से अनजान हैं या जानबूझकर समस्या को सुलझाना नहीं चाहते. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को कई बार सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आर्पूति सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
अधिकारी दे रहे गलत जानकारी- सौरभ भारद्वाज
वहीं, गुरुवार को 'एक्स' फर भी इस मुद्दे को सौरभ भारद्वाज ने उठाया था और लिखा था, ''पिछले कई हफ़्तों से स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव को बार बार कहा है कि सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त दवा आदि की कमी है, और इसे ठीक करें. मगर अफ़सर लगातार ग़लत जानकारी दे रहे हैं कि दवा आदि सब कुछ उपलब्ध है. कल एक बच्चे की खबर कई अख़बारों में छपी कि अस्पताल में रूई भी उपलब्ध नहीं थी. क्या अफ़सर अपनी ही सरकार को ग़लत जानकारी देकर गुमराह कर सकते हैं ?''
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