Delhi News: दिल्ली सरकार परिवहन विभाग द्वारा जब्त किए गए पुराने वाहनों को छोड़ने के लिए तैयार की जा रही नई नीति को बहुत जल्द अंतिम रूप दे सकती है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग की नीति उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप है. बताया गया है कि नई नीति के तहत जब्त किए गए वाहनों को छोड़ने के लिए दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये और चार पहिया वाहनों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने की योजना है. परिवहन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक विभागीय अधिकारियों ने समय समय पर चलाए गए अभियानों के दौरान इन वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने या सड़कों पर चलाए जाने के चलते जब्त कर लिया था.


नई नीति में लोगों को राहत के संकेत


दिल्ली सरकार उन लोगों को अपने वाहनों को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित करने के लिए विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए छह से 12 महीने की समय सीमा भी प्रदान कर सकती है, जो वाहनों को कबाड़ में नहीं भेजना चाहते. अधिकारी ने कहा कि जब भी कोई पुरानी कार मरम्मत के लिए ले जाई जाएगी तो परिवहन विभाग को सूचित करना होगा और गाड़ी को लॉरी या किसी अन्य वाहन में लादकर ले जाना होगा. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नई नीति के तहत लोगों को यह शपथपत्र देना होगा कि वे अपने वाहन सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा नहीं करेंगे और न ही उन्हें सड़कों पर चलाएंगे. इसके अलावा, दिल्ली सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पुराने वाहनों के लिए दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया में बदलाव करने की योजना बना रही है, जिसमें व्यक्ति को स्वयं उपस्थित नहीं होना होगा.


50 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ था रद्द


बता दें कि पिछले साल जनवरी से अक्टूबर के बीच कम से कम 50 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया था. वहीं अब तक 15,000 से अधिक पुराने वाहन जब्त किए जा चुके हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से ऐसे वाहनों से निपटने के लिए एक नीति बनाने को कहा था, जिसमें मालिक यह आश्वासन देने को तैयार हों कि इन वाहनों का उपयोग राष्ट्रीय राजधानी में नहीं किया जाएगा.


SC ने इन वाहनों पर लगा दिया था प्रतिबंध


सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसमें कहा गया था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण का वर्ष 2014 में दिया गया एक आदेश 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने के खिलाफ है.


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