Delhi Anti Dust Drive News: दिल्ली को प्रदूषण और डस्ट से निजात दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इससे पहले भी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में समर एक्शन प्लान बनाया गया था. दिल्ली सरकार में संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा गया था कि  चरणबद्ध तरीके से दिल्ली को प्रदूषण और डस्ट से मुक्ति दिलाने की दिशा में प्रभाव काम करें. इस लाइन पर अमल करते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार से एंटी डस्ट अभियान की शुरुआत राजधानी में कर दी है. समर एक्शन प्लान के तहत यह अभियान 8 जून तक चलेगा.


दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में एंटी डस्ट अभियान की शुरुआत की गई है जो 8 जून तक चलेगा. इसको लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जाए. एंटी डस्ट अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 13 विभागों की 629 कर्मियों की 235 पेट्रोलिंग टीम और 433 कर्मियों की 165 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनात गई है. इसके अलावा, दिल्ली के हर विधानसभा में एंटी डस्ट अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश भी दिए गए हैं. 


कब तक चलेगा एंटी डस्ट कैंपेन


दिल्ली में एंटी डस्ट अभियान 8 जून तक चलेगा. वैसे दिल्ली के वर्तमान स्थिति की बात करें तो बारिश की वजह से दिल्ली वालों को प्रदूषण और डस्ट से थोड़ी हद तक निजात जरूर मिली है. इसके अलावा, दिल्ली के बेहद बिगड़े हुए हालात भी सुधरते हुए दिखाई दिए हैं. अब इस अभियान के माध्यम से माना जा रहा है कि दिल्ली की हवा साफ होगी और यहां रहने वाले लोग भी साफ हवा में खुलकर सांस ले सकेंगे.


राजधानी में सभी को इन नियमों का करना होगा पालन



  •  एंटी डस्ट कैंपेन के तहत सभी निर्माण स्थलों के चारों ओर ऊंची टिन की दीवार होनी चाहिए.

  • पांच हजार वर्गमीटर से बड़े निर्माण स्थलों पर एक एंटी-स्मॉग गन, 10 हजार वर्गमीटर से बड़ी दो ऐसी बंदूकें और 15 हजार वर्गमीटर से बड़ी साइटों पर तीन एंटी-स्मॉग गन लगानी होंगी. 20 हजार वर्गमीटर से बड़ी साइटों पर चार एंटी-स्मॉग गन लगानी होंगी.

  • निर्माण या ध्वस्तीकरण कार्य को तिरपाल या नेट से ढंकना सभी के लिए अनिवार्य.निर्माण सामग्री लाने और ले जाने वाले वाहनों की सफाई होनी चाहिए.

  •  निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान और ध्वस्तीकरण का मलबा चिह्नित जगहों पर डालना जरूरी. बालू आदि को बिना ढके नहीं रखा जाए.

  •  पत्थर की कटिंग का काम खुले में हो और इसके लिए वेट जेट का उपयोग करना अनिवार्य. मिट्टी वाली जगह पर लगातार पानी का छिड़काव जरूरी. 

  • संबंधित एजंसियों को निर्माण व ध्वस्तीकरण सामग्री को वाहन पर चढ़ाने-उतारने में लगने वाले कर्मचारियों को डस्ट मास्क और इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाना होगा.


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