Delhi News: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी (Atishi) ने गुरुवार को राजधानी में पानी के संकट के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कल अपनी सुनवाई में दिल्ली सरकार से पूछा था कि पानी के दुरुपयोग के लिए क्या क्या कदम उठा रही है. आज डीटेल में दिल्ली सरकार ने उन कदमों की जानकारी दी है. आतिशी ने कहा कि आज कोर्ट में दिल्ली (Delhi) सरकार ने बताया कि हरियाणा से आने वाले पानी में ट्रांसमिशन लॉस पहले तीस फ़ीसदी होता था. लेकिन DJB ने 500 करोड़ के खर्च से CLC बनाया और लॉस को हटाकरघटाकर पांच फ़ीसदी किया. हमने लीकेज को रोका है.


आतिशी ने कहा, ''पिछले नौ साल में 3.5 हज़ार किमी पानी पाइप लाइन को बदला गया है. 7300 किमी नई पाइपलाइन डाली गई है. फ़्लो मेजर करने के लिए 3285 बल्क फ़्लो मीटर लगाए गए हैं. दिल्ली में WTP से UGR तक का वाटर ऑडिट हमने कराया है, इसे अनुसार इंटरनेशनल स्टैंडर्ड से भी कम लीकेज दिल्ली में है. आज मैंने ख़ुद भी पाइप लाइन का निरीक्षण किया. डेढ़ किलोमीटर की पाइपलाइन में कहीं भी लीकेज नहीं था. लीकेज की अफ़वाह फैलाई जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं है.''


लीकेज की फैलाई गई अफवाह - आतिशी
मंत्री आतिशी ने कहा, '' दिल्ली सरकार ने पेट्रोलिंग सर्विस की फ़ायर किया है, जो पेट्रोलिंग करती है. रेवन्यू डिपार्टमेंट की स्पेशल टीम भी हमने बनाई है. दिल्ली में जो पानी प्रोड्यूस हो रहा है वो दिल्ली वालों तक पहुंच रहा है. लीकेज होने पर हमारे डाटा सेंटर में सूचना आती है और उसे बारह घंटे के अंदर रिपेयर किया जाता है. लेकिन कहीं भी बड़ा लीकेज नहीं है. अभी तक हमारी इनफ़ोर्समेंट टीम पानी के दुरुपयोग का 1323 चालान किया है. 179 अनऑथोराइज्ड कनेक्शन हटाए गए हैं, एक अलग कमान सेंटर बनाए गए हैं. लीक डिटेक्शन सेंटर छह महीने से DJB चला रहा है.''


दिल्लीवासियों से पानी बर्बाद न करने की अपील
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, ''दिल्ली औसतन 1000-1005 MGD पानी उत्पादन करती है. अब यह घट रहा है. कल 12 जून को ये सिर्फ 951 MGD रहा. यानी क़रीब 50 MGD पानी का कम उत्पादन हो रहा है. हमने सुप्रीम कोर्ट में यह डाटा रखा है और कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अब अपर यमुना रिवर बोर्ड फ़ैसला करे. कल इसकी मीटिंग होगी. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जल्द फ़ैसला ले, ज़रूरत हो तो हर दिन बैठक करें. इस बैठक का फ़ैसला होने में दो तीन दिन लग सकते हैं. इसलिए दिल्ली वालों से अपील है कि सोच समझकर पानी का इस्तेमाल करें, पानी बर्बाद न करें.''


हिमाचल से पानी की सप्लाई पर बोंली आतिशी- 'मिसकम्युनिकेश हुआ था'
हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी देने से मना करने की खबरों पर जल मंत्री ने स्पष्टीकरण दिया है. आतिशी ने कहा, ''हिमाचल प्रदेश के AG ने आज सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि उन्होंने मना नहीं किया उन्होंने कहां कि 1994 के समझौते के मुताबिक जितना पानी हिमाचल को आवंटित था वो पानी अतिरिक्त है. उसमें से 137 क्यूसेक पानी देने को तैयार थे. हिमाचल के पास अलग से कोई रिजर्वायर नहीं है लेकिन मिस कम्यूनिकेशन हुआ.''


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