Delhi Transgender Toilets: दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि वह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के उपयोग के लिए अलग शौचालयों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसे काम को फास्ट ट्रैक आधार पर किया जाएगा. इसके साथ ही कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ को दिल्ली सरकार ने बताया कि विकलांग व्यक्तियों के लिए बने 505 शौचालयों को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के उपयोग के लिए नामित किया गया है.


हाई कोर्ट में जानाकीर देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि ट्रांसजेंडर या तीसरे लिंग के व्यक्तियों के लिए अलग वॉशरूम का निर्माण फास्ट ट्रैक आधार पर किया जाएगा. राज्य सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि ट्रांसजेंडरों के उपयोग के लिए नौ नए शौचालय पहले ही बनाए जा चुके हैं और उनके लिए 56 और शौचालयों का निर्माण चल रहा है. सरकार ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि ट्रांसजेंडर के लिए अलग शौचालय जल्द से जल्द बनाए जाएंगे.


सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि ट्रांसजेंडर के इस्तेमाल के लिए नौ शौचालय पहले ही बनाए जा चुके हैं तथा 56 और शौचालय बनाने का काम जारी है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार को छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. जिसमें अदालत को ट्रांसजेंडर के इस्तेमाल के लिए बनाए गए नए शौचालयों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई हो. अदालत ने कहा कि मामले पर आगे की सुनवाई 14 नवंबर को होगी.


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हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर हुई सुनवाई


अदालत जैसमीन कौर छाबड़ा की उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रांसजेंडर के लिए अलग से शौचालय बनाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर के लिए अलग से सार्वजनिक शौचालय नहीं होने की वजह से उनके यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ की आशंका रहती है.


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