Delhi liquor discount: दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री पर दुकानदारों द्वारा छूट दिए जाने पर पाबंदी के अपने फैसले का बचाव किया है. दिल्ली सरकार ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह छूट के जरिए शराब पीने की लत को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव से अनुरोध किया कि 28 फरवरी के आदेश के क्रियान्वयन को ना रोका जाए.


दिल्ली सरकार ने कहा कि छूट ‘छिटपुट तरीके’ से दी गई थी लेकिन पैसे वालों ने उसका दुरुपयोग कर ‘एकाधिकार’ पैदा किया. उच्च न्यायालय की पीठ छूट पर पाबंदी लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ विभिन्न लाइसेंसी दुकानदारों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.


वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दी ये दलील


वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि ‘‘दिल्ली छूट के जरिए शराब की लत को बढ़ावा देने वाला शहर नहीं बन सकता है. इसका बार-बार दुरुपयोग कर अनाप-शनाप छूट देकर लोगों को आकर्षित किया गया.’’ सिंघवी ने कहा कि ‘‘एकाधिकार की स्थिति पैदा करने के लिए इसका उपयोग किया गया. हम सामान्य तौर पर छूट के खिलाफ नहीं थे लेकिन पिछले कुछ महीनों में जब हमें पता चला कि बहुत ज्यादा छूट देकर कुछ धनी लोग एकाधिकार की स्थिति पैदा करना चाहते हैं. इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उक्त फैसला लिया गया. यह लक्ष्मण रेखा पार करने जैसा नहीं है.’’


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अगली सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय


सिंघवी ने दिल्ली सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा और कहा कि याचिका पर अंतरिम आदेश अंतिम आदेश जैसा होगा. दिल्ली सरकार की ओर से ही पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि शराब को अधिकतम खुदरा मूल्य से कम दाम में नहीं बेचा जा सकता है. न्यायमूर्ति राव ने याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और दिल्ली सरकार से इस पर शुक्रवार की शाम तक जवाब देने को कहा. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय की गई है.


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