Delhi Government vs Centre Row: दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच लगातार चल रहे विवाद को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप नेता गोपाल राय, आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, 'दिल्ली के उपराज्यपाल के पास केवल कागज देखने का अधिकार है, उस पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. एलजी लैंड, लॉ एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर चुनी हुई दिल्ली सरकार द्वारा लिए सभी निर्णयों को मानने के लिए बाध्य है.'


गोपाल राय ने केंद्र पर साधा निशाना


वहीं गोपाल राय ने मोदी सरकार पर हमला हुए कहा कि जिस प्रकार केंद्र की बीजेपी सरकार और पीएम मोदी ने देशभर में चुनी हुई सरकारों को असंवैधानिक तरीके से हड़पने की मुहिम चला रखी है उसपर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बड़ा तमाचा है. मोदी सरकार एलजी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए दिल्ली सरकार के हक को हड़पने का काम किया था. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार सरकारों को अस्थिर करके लोकतंत्र को अंधेरे में धकेल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को रोशनी दिखाने का काम किया है.






इन क्षेत्रों पर सरकार का अधिकार नहीं


दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा कि, दिल्ली पर चुनी हुई सरकार का अधिकार है और विधानसभा को कानून बनाने का पावर हासिल है. दिल्ली दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से अलग है. दिल्ली सरकार को सर्विसेज पर विधायी और कार्यकारी अधिकार है. अगर राज्य सरकार को अपनी सेवा में नियुक्त अधिकारी पर नियंत्रण न हो तो यह अच्छा नहीं है, अधिकारी सरकार की बात नहीं सुनेंगे. आदर्श स्थिति यही होगी कि दिल्ली सरकार को अधिकारियों पर नियंत्रण मिले, सिर्फ उन बातों को छोड़कर जिन पर विधानसभा का अधिकार नहीं है. (यानी पुलिस, कानून व्यवस्था और भूमि को छोड़ कर). हम दोहराना चाहते हैं कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की सलाह और सहायता से काम करेंगे.



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