Delhi News: दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर लंबे समय से केंद्र सरकार के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बड़ी राहत दी है. एक दिन पहले आये इस फैसले पर अब मनीष सिसोदिया (Manish sisodia) का पहला बयान सामने आ गया है. दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मोदी जी संविधान को मानें. मनीष सिसोदिया ने यह बयान उस समय दिया जब उन्हें सीबीआई ने दिल्ली आबकारी मामले से संंबंधित एक सुनवाई के लिए शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. 


दिल्ली सरकार vs केंद्र की बीच विवाद पर एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तत्काल बाद सीएम अरविंद केजरीवाल पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि यह जनतंत्र की जीत है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया. इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी. जनतंत्र की जीत हुई. वहीं सुप्रीम कोर्ट फैसला आने के बाद आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने उपराज्यपाल के जरिए इसमें रोड़ा अटकाने का काम किया. उन्होंने ये भी कहा कि ‘सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन हार नहीं सकता. शीर्ष अदालत के फैसले से आज फिर सत्य की जीत हुई है.


दरअसल, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों पर किसका अधिकार मसले पर अपने फैसले में कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार को स्थानांतरण-पदस्थापना पर नियंत्रण का पूरा अधिकार है. इस मामले में एलजी एक चुनी हुई सरकार के कामकाज में दखल नहीं दे सकते. दिल्ली में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार है, इसलिए विधायी और कार्यकारी फैसलों लेने का अधिकार भी उसी को है. 


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