दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब नई डेस्क पर बैठकर पढ़ाई पढ़ेंगे, क्योंकि यहां पर 360 से अधिक स्कूलों को 73 हजार से अधिक नए डेस्कों की सौगात मिलने वाली है. दिल्ली के स्कूलों के लिए बनी नई बिल्डिंग और स्कूलों में बढ़ी छात्रों की संख्या की वजह से ही नए डेस्क की आपूर्ति स्कूलों में की जाएगी. दिल्ली सरकार की तरफ से शिक्षा को लेकर काफी जोर दिया जा रहा है. इसलिए बीते सालों में दिल्ली में लगभग 20 हजार नई कक्षाओं का निर्माण हुआ है. दिल्ली के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में लगभग 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
दिल्ली शिक्षा निदेशालय की तरफ से लोक निर्माण विभाग के शिक्षा परियोजना प्रभाग के मुख्य अभियंता को स्कूलों में नए डेस्क की आपूर्ति के लिए पत्र लिखा गया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में सुबह और शाम की पाली के स्कूलों का एक साथ विलय होने से इन डेस्कों की की मांग बढ़ी है. इसके साथ ही छोटी मोटी टूट-फूट के कारण पुराने डेस्क अनुपयोगी हो गए हैं, इस वजह से भी स्कूलों में नए डेस्क की आवश्यकता पड़ रही है.
जिन स्कूलों में डेस्क लगने हैं उनके आंकड़ों की बात की जाए तो उसके लिए स्कूलों से मांगी गई जानकारी के अनुसार विलय होने वाले 18 स्कूलों में कुल 9280 डेस्क की आवश्यकता है. इसके साथ ही 348 दूसरे स्कूलों में 64071 डेस्क की जरूरत है. वहीं बड़ी कक्षाओं के लिए 39229 डेस्क, प्राथमिक कक्षा के लिए 18124 डेस्क और नर्सरी के लिए 6718 डेस्क की जरूरत है. स्कूलों में लगने वाले यह डेस्क पूरी तरह से आधुनिक और आरामदायक होंगे. छोटी कक्षा के छात्रों के डेस्क की बनावट बेहद खास होगी.