दिल्ली में छात्रों को वैक्सीन देने के कार्यक्रम में तेजी लायी जा रही है ताकि अधिकतम स्टूडेंट्स के वैक्सीनेटेड होने के बाद स्कूलों को फिर से दोबारा खोला जा सके. सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार दिल्ली के सरकारी स्कूलों में करीब 85 प्रतिशत छात्रों को वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है. ये छात्र 15 से 18 साल की एज ग्रुप के हैं और इन्हें 21 जनवरी तक पहली डोज दे दी गई थी.
दिल्ली सरकार का पूरा फोकस फुल वैक्सीनेशन पर है ताकि छात्रों के वैक्सीनेटेड होने पर स्कूलों को दोबारा खोल जा सके. यही नहीं दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने यहां वैक्सीनेशन के कार्यक्रम को सरकारी स्कूलों की ही तरह तेजी से पूरा करने की कोशिश करें.
स्कूल खोलने के पहले वैक्सीनेशन जरूरी है –
पिछले हफ्ते डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने कहा था कि स्टूडेंट्स का 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन स्कूलों का फिर से खोलने का रास्ता बनाएगा. दरअसल वैक्सीन लगने के बाद छात्रों के इंफेक्टेड होने की संभावना कम हो जाएगी. इसलिए सरकार चाहती है कि दोबोरा स्कूल खुलें इसके पहले अधिकतम छात्र वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले चुके हों, ये जरूरी है.
प्राइवेट स्कूल छूट रहे हैं पीछे –
इस काम में प्राइवेट स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है और वे काफी पीछे छूट रहे हैं, ये कहना है दिल्ली सरकार का. सरकार का कहना है कि वैक्सीन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की जगह स्कूलों का फोकस क्लासेस फिर से शुरू करने पर है बिना इस बात की परवाह किए कि स्टूडेंट वैक्सीनेटेड है या नहीं.
अगर प्राइवेट स्कूल भी सरकारी स्कूलों की तरह वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी ले आते हैं तो स्कूलों के दोबारा जल्दी खुलने की संभावना प्रबल हो जाएगी. उम्मीद है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा तेजी पकड़ने के बाद अगले हफ्ते तक वैक्सीनेटेड स्टूडेंट्स की संख्या 70 से 85 प्रतिशत पहुंच जाए.
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