Delhi News: सर्दियों में बेजुबानों को मिला आशियाना, युवक ने पानी की टंकी में बनाया डॉग हॉउस
दिल्ली के गोविंदपुरी के रहने वाले इंद्रजीत शर्मा और पारस ने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए एक डॉग हाउस बनाया. जोकि पुरानी पानी की टंकी से बनाया गया है.
Delhi News: राजधानी दिल्ली में दिसंबर के महीने में ठिठुरन बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे तापमान गिर रहा है वैसे-वैसे ही दिल्ली में शीतलहर का दौर शुरू हो गया है. वहीं ठंड से बचने के लिए सभी अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते हैं. कुछ लोग गर्म कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं, तो वहीं कुछ घरों में हीटर चलना शुरू हो जाते हैं. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दिसंबर की इस ठंड से बचाव के लिए सड़कों या आपके घर के बाहर घूमने वाले पशु क्या उपाय करते होंगे?
पानी की टंकी से बनाया डॉग हाउस
आपको जानकर खुशी होगी कि दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी निवासी इंद्रजीत शर्मा और एक युवक पारस ने इन बेजुबान पशुओं के बारे में सोचा और उन्होंने अपने ही घर के पास पशुओं के लिए एक डॉग हाउस बनाया है. ठिठुरती ठंड से बचाव के लिए इन लोगों ने एक पुरानी पानी की टंकी से डॉग्स के लिए डॉग हाउस बनाया है. इंद्रजीत शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई बारिश के दौरान उन्होंने देखा कि उनकी गली में घूमने वाले डॉग्स ठंड से बचने के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं, यहां तक कि वो किसी के घर में जाने कि अगर कोशिश करते तो लोग उन्हें बाहर भगा देते, सभी डॉग बारिश में भीग गए थे और कहीं ना कहीं सहारा ढूंढ रहे थे. तब उन्होंने साथ में ही रहने वाले पारस के साथ मिलकर इन डॉग्स के लिए आशियाना बनाने का सोचा.
ठंड से बचाव के लिए टंकी में रखे पुराने कपड़े और बोरियां
वहीं युवक पारस ने बताया कि ठंड से बचाव के लिए सभी लोग कुछ ना कुछ उपाय करते हैं और अपने घरों में रहते हैं, लेकिन इन आवारा डॉग के लिए कोई घर नहीं होता, इसीलिए उन्होंने एक बेकार पड़ी टंकी से डॉग हाउस बनाया, जिसमें उनकी कोई लागत भी नहीं गई बस थोड़ी सी मेहनत के बाद ये डॉग हाउस बनकर तैयार हो गया. डॉग हाउस में उन्होंने कुछ बोरियां और पुराने कपड़े डाल दिए, जिससे कि डॉग्स को इसके अंदर ठंड ना लगे, इसके साथ ही टंकी के आसपास भी पुराने तकिए और गद्दे रख दिए गए जिससे कि और भी लोग वहां पर ठंड में आकर बैठ सके.
लोगों को करनी चाहिए पशुओं की मदद
ठंड से बचाव के लिए बनाए गए डॉग हाउस को लेकर इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि हम अपने आसपास कई जानवरों को देखते हैं, लेकिन हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाते ऐसे में यह सोचना चाहिए, कि उन्हें भी ठंड लगती है, उन्हें भी भूख लगती है. इसीलिए सभी लोगों को जितना हो सके इन पशुओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए.
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