दिल्ली परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया है और वाहन सवार लोगों से संबंधित कागजात ईंधन स्टेशनों पर तैनात दलों को दिखाने की अपील की है.


विभाग के प्रदूषण नियंत्रण डिवीजन की ओर से जारी आदेश के अनुसार विभाग ने पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने वाले वाहनों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है. आदेश में कहा गया है,‘ सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे ईंधन स्टेशनों पर ईंधन भरवाते वक्त वहां तैनात उसके दलों को जारी वैधता पीयूसी प्रमाणपत्र दिखाएं’.


होगी कड़ी चेकिंग -


परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर भर में करीब 50 दल तैनात किए जाएंगे. ये दल मुख्य रूप से वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्रों की जांच करेंगे और जिन लोगों के पास ये प्रमाणपत्र नहीं हैं, उनसे प्रमाणपत्र लेने का अनुरोध करेंगे.


विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘ इसका मकसद वाहन मालिकों पर जुर्माना करने से ज्यादा उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र लेने के लिए प्रोत्साहित करना है. लेकिन जो इससे इनकार करेगा या भागने का प्रयास करेगा उन पर जुर्माना किया जाएगा.’


कार्यवाही भी हो सकती है -


जो वाहन मालिक वैध पीयूसीसी प्राप्त नहीं करेंगे उनका मोटर वाहन अधिनियम 1993 की धारा 190 (2) के तहत चालान किया जा सकता है. इसमें छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान है. यही नहीं तीन महीने के लिए उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त किया जा सकता है.


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण से निपटने के लिए इस महीने की शुरुआत में 10 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी जिसमें वाहनों की जांच के लिए 500 टीमों के गठन के साथ पीयूसीसी को सख्ती से लागू करना शामिल है. दरअसल दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वहां की सरकार को इस बाबत कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं.


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