Delhi Govts Audit of DU Colleges: दिल्ली सरकार ने डीयू के 12 कॉलेजों का विशेष ऑडिट शुरू किया है. मुख्यमंत्री आतिशी की ओर से उठाए गए वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे की जांच के लिए ये कदम उठाया गया है. एक हाई लेवल कमेटी की ओर से स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद ऑडिट निदेशालय ने स्पेशल ऑडिट करने के लिए 8 सदस्यीय टीम को नियुक्त किया है.


पिछले हफ्ते जारी एक आदेश में ऑडिट डिपार्टमेंट ने उच्च शिक्षा निदेशालय के सचिव को कॉलेजों को ऑडिट टीम को सभी जरुरी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. हाई लेवल कमेटी की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध 12 कॉलेजों (पूरी तरह से दिल्ली सरकार से वित्त पोषित) से संबंधित मुद्दों की जांच पर एक विशेष ऑडिट आयोजित करने के लिए सक्षम अथॉरिटी की मंजूरी से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है.


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 27 सितंबर के आदेश में आगे निर्देश दिया गया कि संबंधित कॉलेज ऑडिट टीम को सभी रिकॉर्ड, बैठने की व्यवस्था और सचिवीय सहायता प्रदान करें. पिछले महीने, एकेडमिक काउंसिल (AC) और एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC), दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक संयुक्त बैठक में (डीयू) ने आरोपों की जांच के लिए गठित 10 सदस्यीय समिति के निष्कर्षों को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया.


समिति ने अपनी रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकाला?


समिति ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि डीयू के 12 कॉलेजों में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई, जैसा कि आतिशी ने आरोप लगाया था. यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह राज्य सरकार से समिति की सिफारिशों पर विचार करने का अनुरोध करेगी और आतिशी से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे अपने पत्र को वापस लेने की भी मांग की, जिसमें उन्होंने 12 डीयू कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का सुझाव दिया था.


सीएम आतिशी ने लगाया था आरोप


पिछले साल दिसंबर में, आतिशी ने दिल्ली सरकार की ओर से फंडेड दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों में सार्वजनिक खजाने से सैकड़ों करोड़ रुपये की खामियों का हवाला देते हुए अनियमितताओं का जिक्र किया था. उन्होंने सुझाव दिया कि या तो कॉलेजों को दिल्ली सरकार के तहत विलय कर दिया जाए या केंद्र को पूर्ण नियंत्रण लेने की अनुमति दी जाए.


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