Delhi GRAP 4 Rules: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू कर दिया गया है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद दिल्ली में कई पाबंदियां लग गई हैं. इसके तहत कारखानों, निर्माण कार्यों, और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं.
इन चीजों पर लगा बैन
- ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है.
- सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
- राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं.
- ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है.
आदेश में क्या-क्या कहा गया?
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे. राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी.
सीएक्यूएम ने कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का सुझाव दिया है. इसने यह भी सिफारिश की कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करें, जबकि बाकी कर्मचारी घर से ही काम करें. समिति ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने का विकल्प पेश किया जा सकता है.
इसने कहा कि राज्य सरकारें कॉलेज बंद करने, गैर-जरूरी व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने और वाहनों के लिए सम-विषम नियम लागू करने का भी निर्णय ले सकती हैं.
इसके अलावा, लोगों से दिशा-निर्देशों का पालन करने और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने के साथ ही सुधारने के उद्देश्य से जीआरएपी उपायों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में मदद करने का आग्रह किया गया है. साथ ही कहा गया है कि बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन, हृदय, मस्तिष्कवाहिकीय या अन्य पुरानी बीमारियों वाले लोगों को जितना संभव हो घर के अंदर रहना चाहिए और बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए.
401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है एक्यूआई
गौरतलब है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को एक्यूआई 500 के पार दर्ज किया गया. कई इलाकों में एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया. 'एक्यूआई डॉट इन' के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई सुबह आठ बजे 477 था जो शाम को 548 हो गया. इसके अलावा, अलीपुर का एक्यूआई 586, आनंद लोक का 586, आनंद पर्वत का 521, आनंद विहार 608, अशोक विहार फेज-1 का 539, बवाना औद्योगिक क्षेत्र का 534, भलस्वा लैंडफिल का 508, ग्रेटर कैलाश का 586, आईटीआई शाहदरा का 608, कालकाजी का 646 और पीजीडीएवी कॉलेज का 701 है.
वहीं सोमवार को दिल्ली में एक्यूआई 481 दर्ज हुआ, जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है. अशोक विहार में 495, शादीपुर में 474, भावना में 495, रोहिणी में 492, वजीरपुर में 490, जहांगीरपुरी में 384, नेहरू नगर में 494, आनंद विहार में 487 और आईटीओ में 467 दर्ज हुआ है.