Delhi News : दिल्ली के हौज खास में शुरू पहला 'ब्लाइंड बेक कैफ़े', जानें कैसे चला रही हैं दृष्टिहीन महिलाएं
Delhi News : दिल्ली के हौज खास में एक 'ब्लाइंड बेक कैफे' है. इसमें केवल दृष्टिहीन महिलाएं ही काम कर रही हैं. कैफे इसी साल 15 नवंबर को शुरु हुआ है.
Delhi News : आप अपने दोस्तों या परिवार वालों के साथ कैफ़े या रेस्टोरेंट्स में तो जरूर जाते होंगे. लेकिन दिल्ली के हौज खास में एक ऐसे कैफ़े की शुरुआत की गई है जिसे दिव्यांगजन यानी कि नेत्रहीन महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है. इस कैफ़े में ऑर्डर लेने से लेकर आपका ऑर्डर तैयार करने वाली सभी महिलाएं दृष्टिहीन (दिव्यांगजन) है. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार यह कैफ़े कैसे चलाया जा रहा है और जो महिलाएं देख नहीं सकती हैं वह कैसे यहां काम पा रही रही हैं?
कैफे की ट्रेनर शीना ने बताया काम करने का तरीका
कैफे में मौजूद ट्रेनर शीना ने बताया कि यह कैफ़े भी आम कैफे की तरह यहां पर चलाया जा रहा है. एक कैफे में काम कर रही महिलाएं भले ही अपनी आंखों से देख पाने में सक्षम नहीं है. लेकिन वह बाकी लोगों की तरह ही काम कर रही है. यहां के मेन्यू से लेकर मसालों के बॉक्स आदि चीजों पर ब्रेल लिपि से लिखा गया है. जिससे कि वह आसानी से पढ़ सकें और उसकी पहचान हो सके. साथ ही उन्होंने बताया कि यहां पर जो कॉफी मशीन है जिसमें चाय, कॉफी, गरम पानी, कैपेचीनो समेत अलग-अलग बेवरेजेज का मैन्यू है. उसकी पहचान के लिए उनके नाम के आगे अलग-अलग आकार वाले बटन लगाए गए हैं, ताकि उस बटन को हाथ से छू कर कॉफी मशीन का इस्तेमाल किया जा सके.
कैफे काउंटर पर मौदूज महिला भी नेत्रहीन
कैफ़े के काउंटर पर मौजूद उनजिला जन्म से ही नेत्रहीन हैं. लेकिन ना केवल अच्छी तरीके से कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल कर लेती हैं बल्कि अब कैफ़े में आने वाले हर एक ग्राहक का ऑर्डर लेना हैं. फिर कंप्यूटर में डाटा एंट्री करना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है. उन्होंने बताया कि वह पिछले ड़ेढ साल से यहां हैं. सबसे पहले उन्होंने कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव की ट्रेनिंग ली. जिसमें उन्हें एमएस ऑफिस, पावरप्वाइंट एक्सेल लैपटॉप और कंप्यूटर आदि का इस्तेमाल करना सिखाया गया. दृष्टिहीन लोगों के लिए एक सॉफ्टवेयर (JAWS) जिसके जरिए इन सब चीजों से अवगत कराया गया. जिसके बाद आज वह पूरी तरीके से यह काम करने में परफेक्ट है.
15 नवंबर को शुरु हुआ है कैफे
बता दें कि दिल्ली के हौज खास एनक्लेव में इसी साल 15 नवंबर से इस कैफ़े की शुरुआत की गई है NAB इंडिया सेंटर फॉर ब्लाइंड वूमेन एंड डिसेबिलिटी स्टडीज की डायरेक्टर और इस कैफ़े की शुरुआत करने वाली शालिनी खन्ना सोढी ने बताया इस सेंटर में देश भर से आने वाली नेत्रहीन महिलाओं को स्वाबलंबी बनाए जाने की ट्रेनिंग दी जाती है. जिस पर हम उन्हें खाना बनाने से लेकर, पढ़ाने लिखाने, हैंडीक्राफ्ट और मेडिकल से जुड़ी ट्रेनिंग देते हैं. जिससे कि वह अपने जीवन को एक नई दिशा दे सके जैसे कि समाज में उन्हें भी अन्य लोगों की तरह बराबरी का सम्मान मिले और वह सभी लोगों की तरह सामान्य तरीके से अपना जीवन जी सकें.
ये भी पढ़ें-