DU की छात्रा की हत्या मामले में सजा काट रहे तीन लोग बरी, पॉलिथीन बैग में मिला था शव
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट में इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनीश दयाल की पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिसके आधार पर तीनों लोगों को दोषी साबित किया जा सके.
DU Girl Student Murder Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2009 में दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा की हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा काट रहे 3 लोगों को बरी कर दिया. कोर्ट ने निर्देश दिया कि साल 2009 में गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल जेल से रिहा किया जाए. बता दें कि साल 2009 में सितंबर के महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय की 21 साल की छात्रा निकिता सिंह की हत्या के मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. छात्रा का शव पॉलिथीन के बैग में मिला था.
इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद उसका शव मुंडका गांव के एक फार्महाउस से एक पॉलिथीन बैग में बरामद हुआ था. छात्रा की हत्या उस समय हुई जब वह कॉलेज से घर लौट रही थी. अब इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनीश दयाल की पीठ ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिसके आधार पर गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों को दोषी साबित किया जा सके. वहीं कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्हें साल 2020 में दोषी ठहराया गया था.
पिता के एक बयान को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता- दिल्ली हाई कोर्ट
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनीश दयाल की पीठ ने कहा कि इस केस में चर्चा और विश्लेषण के आधार पर कोर्ट ने पाया है कि मृतक की हत्या के लिए संदेह के आधार पर दोषी साबित नहीं किया जा सकता है. इसलिए कोर्ट निचली अदालत के दोषी करार दिए गए फैसले को रद्द करती है. इस मामले को लेकर पीठ ने कहा कि मूलभूत तथ्यों के बारे में कोई सबूत नहीं है. पीड़िता के पिता के एक बयान के आधार को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने 31 अक्टूबर के फैसले में कहा कि न तो मृतक और न ही अभियोजन पक्ष के गवाह 3 को कोई धमकी मिली थी. इतना ही नहीं निचली अदालत ने भी अपने फैसले में सटीक मकसद के साफ न होने का जिक्र किया था.