Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को देश में राजद्रोह (Sedition) के सभी मामलों में कार्यवाही स्थगित रखने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के आधार पर अंतरिम जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने की गुरुवार को स्वीकृति दे दी. शरजील इमाम को 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान दिए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था.


दो जजों की पीठ ने सुनवाई की
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस मिनी पुश्कर्ण की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत देने का अनुरोध करने वाली अपनी याचिका वापस लेने की इमाम को अनुमति दी. इससे पहले विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि यह मामला अनिवार्य रूप से भारतीय दंड सहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) से जुड़ा है, जिसमें कानून के अनुसार आरोपी को जमानत के लिए पहले निचली अदालत में जाने और अपील के मामले में हाई कोर्ट का रुख करने की आवश्यकता होती है.


Delhi Pollution: दिवाली के पटाखे नहीं दिल्ली में प्रदूषण की यह है बड़ी वजह, स्टडी में हुआ खुलासा


इसके बाद इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने अर्जी वापस लेने की इजाजत मांगी. पीठ ने कहा, "याचिकाकर्ता को निचली अदालत में याचिका दायर करने के लिए अर्जी वापस लेने की मंजूरी दी जाती है."


24 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी
इमाम ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए निचली अदालत के 24 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. इमाम पर आईपीसी की धारा 124ए के तहत आरोप लगाए गए हैं. जिसमें उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है. अभियोजन के अनुसार, इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भाषण दिए थे, जिसमें उसने असम तथा पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी.


CBSE Internal Marks: सेंट्रल बोर्ड ने स्कूलों को 10वीं और 12वीं के इंटर्नल मार्क्स अपलोड करने के लिए दिया अतिरिक्त समय, ये है नई लास्ट डेट