Delhi Latest News: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार को बम की धमकियों और इसी तरह की आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए एक SOP बनाने और एक व्यापक एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया है. यह आदेश उस याचिका पर आया है जो दिल्ली के स्कूलों में आ रही बम धमकियों के मद्देनजर दाखिल की गई थी.
यह आदेश वकील अर्पित भार्गव द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किया गया है, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों में बम धमकियों को रोकने या निपटने में विफलता पर चिंता व्यक्त की गई थी.
जस्टिस संजीव नारुला ने बीते 14 नवंबर को राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस तरह के खतरों से निपटने के लिए जारी एसओपी में सभी स्टेकहोल्डर्स की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए. जिनमें लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियां, स्कूल का मैनेजमेंट और MCD के अधिकारी शामिल हैं, ताकि इनके बीच समन्वय और क्रियान्वयन में कोई बाधा ना आए.
इसके अलावा अदालत ने कहा कि SOP को अंतिम रूप देने से पहले इन स्टेकहोल्डर्स से भी परामर्श किया जाना चाहिए. साथ ही अदालत ने प्रभावित पक्षों और स्टेकहोल्डर्स की चिंताओं का समाधान करने के लिए एक शिकायत निवारण सिस्टम की स्थापना का भी आदेश दिया.
अदालत ने संबंधित अधिकारियों से इन निर्देशों को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए कहा, जोकि आठ सप्ताह के भीतर ही होना चाहिए.
अदालत ने यह भी कहा कि आधुनिक संसार में बम धमकियों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए एक फुलप्रूफ सिस्टम की उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं है, लेकिन सरकार को इन बदलती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार जरूर रहना चाहिए.
हालांकि कोर्ट ने माना है कि दिल्ली सरकार ने पहले से ही इस मामले में कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि ड्राफ्ट एक्शन प्लान, स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर और स्टेटस रिपोर्ट. हालांकि, इनको जल्दी से लागू भी किया जाना चाहिए, न कि केवल ये विचार-विमर्श चरण में ही रहना चाहिए.
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