Delhi High Court Judge On Communal Riots: दिल्ली हाईकोर्ट के जज अमित शर्मा ने 2020 के सांप्रदायिक दंगों के संबंध में कथित बड़ी साजिश से जुड़े यूएपीए (UAPA) मामले में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से गुरुवार (4 जुलाई) को खुद को अलग कर लिया. इसका मतलब ये हुआ कि अब इनकी जमानत याचिकाओं पर उस बेंच में सुनवाई होगी, जिस बेंच के सदस्य जस्टिस अमित शर्मा नहीं होंगे. इस मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम समेत अन्य आरोपी हैं. 


ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाले जजों की सूची में बदलाव के बाद ये मुकदमे जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने सूचीबद्ध किए गए थे. 


जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने आदेश दिया कि इन मामलों को 24 जुलाई को एक अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिसमें “हममें से एक जस्टिस अमित शर्मा सदस्य नहीं हों” और यह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आदेश के अधीन होगा. इस मामले के अन्य आरोपियों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की युवा शाखा के नेता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर और जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान शामिल हैं.


दिल्ली 2020 दंगों में 53 लोगों की हुई थी मौत


इमाम, ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद सहित कई अन्य लोगों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों का 'साजिशकर्ता' होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. 11 अप्रैल, 2022 को ट्रायल कोर्ट ने शरजील इमाम को बेल देने से मना कर दिया. इमाम की 25 अगस्त, 2020 को इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी.


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