Delhi HC to Indian Railway: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भारतीय रेलवे (Indian Railway) को एक याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि वह स्टेशनों (Station) पर नि:शुल्क मानव सहायता और दिव्यांगों (Handicapped) लोगों को व्हीलचेयर देना सुनिश्चित करे. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिव्यांगों के लिए निचली बर्थ आरक्षित करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त सहायता देने के पहले के आदेश की भी नई स्थिति रिपोर्ट मांगी.  हाई कोर्ट ने साल 2017 की एक जनहित याचिका की सुनावाई के दौरान इस निर्देश को दिया. 


यह आदेश 2017 में उच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई एक जनहित याचिका पर पारित किया गया था, जब एक नेत्रहीन व्यक्ति अपनी एम.फिल प्रवेश परीक्षा से देने से रह गया था. क्योंकि वह आरक्षित डिब्बे में मानव सहायता के बिना नहीं बैठ सका था. इस समय इस तरह की सुविधाएं दिल्ली मेट्रो द्वारा दी जा रही हैं. कोर्ट ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित परिवहन कंपनी निश्चित रूप से अधिक से अधिक रेलवे स्टेशनों पर इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रयास करे. कोर्ट ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है कम से कम व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर इस सुविधा को दिया जा सकता है. 


रेलवे स्टेशनों पर अभी भी नहीं है एस्कॉर्ट और व्हीलचेयर 


इस मामले में न्याय मित्र के रूप में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एस के रूंगटा ने पीठ को बताया कि इस स्तर पर कोचों की कुर्की और दिव्यांगों के लिए सीटों के आरक्षण के माध्यम से बहुत कुछ की आवश्यकता नहीं है लेकिन फ्री देना है. हालांकि स्टेशनों पर अभी भी एस्कॉर्ट और व्हीलचेयर एक मुद्दा है. अदालत ने कहा कि रेलगाड़ियों के अंत में दिव्यांगों के लिए डिब्बों को रखकर और फिर दिव्यांग यात्रियों की कोई मदद ने करके रेलवे की पूरी उदासीनता से वह हैरान है.


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