जामिया यूनिवर्सिटी की UPSC कोचिंग को लेकर याचिका पर दिल्ली HC की अहम टिप्पणी, सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ?
Jamia Millia Islamia University: दिल्ली हाई कोर्ट ने यूपीएससी कोचिंग को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और यूजीसी को नोटिस जारी किया है. अब सुनवाई 12 फरवरी को होगी.

Jamia Millia Islamia University: जामिया मिल्लिया इस्लामिया की UPSC कोचिंग में नॉन क्रीमी ओबीसी और EWS कैटेगरी के छात्रों के प्रवेश की मांग वाली याचिका पर बुधवार (22 जनवरी) को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया और यूजीसी को नोटिस जारी किया है. साथ ही याचिकाकर्ता को एप्लिकेश में संशोधन करने की इजाजत दी.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया एक विशिष्ट संस्थान के तहत बनाई गई एक वैधानिक यूनिवर्सिटी है. यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइंस को इन विश्वविद्यालयों पर कितना लागू किया जा सकता है, यह एक महत्वपूर्ण सवाल होगा.
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से क्या कुछ कहा?
हाई कोर्ट ने कहा है कि UGC की ओर से जारी ये केवल दिशानिर्देश हैं, लेकिन क्या वे स्वतंत्र अधिनियम के तहत स्थापित यूनिवर्सिटी पर भी लागू होते हैं?
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने याचिकाकर्ता से कहा कि एक तरह से आप हमें योजना को फिर से तैयार करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन क्या ऐसा आदेश यहां से जारी किया जा सकता है?
याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिए?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर और EWS को बाहर करने के लिए कोई तर्कसंगत आधार नहीं है. वे एक वर्ग के भीतर एक वर्ग बना रहे हैं. ये संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.
जस्टिस तुषार राव गेडेला ने याचिकाकर्ता से पूछा कि याचिका के समर्थन में क्या कोई आंकड़ा है? आपने इसलिए दायर किया है क्योंकि आप सोचते हैं कि यह गलत है. आप किस योजना की ओर इशारा कर रहे हैं? क्योंकि यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि जहां तक EWS की बात है, हम कुछ नहीं कर सकते हैं. चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता को अपनी एप्लिकेशन में संशोधन करने के लिए एक हफ्ते की अनुमति दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी 2025 को होगी.
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