New Delhi: दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास (CM residence) के बाहर 38 दिनों तक चली आंगनबाड़ी (Anganwadi) वर्कर्स और हेल्पर (helper) की हड़ताल (strike) पर दिल्ली के उपराज्यपाल (lieutenant governor) की ओर से एस्मा (esma) लगा दिया गया. जिसके बाद 9 मार्च को यह हड़ताल खत्म हो गई और इसके बाद शुरू हुआ दिल्ली की अलग-अलग आंगनबाड़ियों में वर्कर और हेल्पर के टर्मिनेशन (termination) का दौर जिसमें कि दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन के मुताबिक अब तक 991 आंगनबाड़ी कर्मियों को दिल्ली सरकार (Delhi Government) टर्मिनेट कर चुकी है. जिसको लेकर यूनियन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
टर्मिनेशन को लिया जाए वापस
यूनियन की अध्यक्ष शिवानी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि विगत 2 मार्च से महिला एवं बाल विकास विभाग ने आँगनवाड़ी कर्मियों की बर्ख़ास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.जिसके बाद इस सन्दर्भ में दिल्ली के उपराज्यपाल को यूनियन के नेतृत्व में आँगनवाड़ी कर्मियों द्वारा कई बार ज्ञापन सौंपा गया लेकिन एलजी की तरफ़ से इन तमाम ज्ञापनों पर किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद यूनियन की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिट पिटिशन डाली गई और 15 मार्च को कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और w&cd डिपार्टमेंट जो आंगनवाड़ियों में इलीगल टर्मिनेशन कर रहा था उस पर रोक लगा दी गई. लेकिन इससे पहले ही 991 आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर को दिल्ली सरकार की ओर से टर्मिनेट किया जा चुका है. जिसको लेकर 23 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई है जिसमें हमने याचिका दायर की है कि इन टर्मिनेशन को वापस लिया जाए.
जनवरी और फरवरी की नहीं मिली है सैलरी
इसके साथ ही जिन आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर को दिल्ली सरकार द्वारा टर्मिनेट किया गया है उन्होंने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अचानक से ही व्हाट्सएप पर उन्हें टर्मिनेशन लेटर भेजा गया जिसको लेकर पहले कोई जानकारी नहीं दी गई और तो और दिल्ली की किसी भी आंगनवाड़ी वर्कर या हेल्पर की दिसंबर के बाद कोई भी सैलरी नहीं आई है. हड़ताल के दौरान दिल्ली सरकार ने जो आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर की सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया था उसका तो आना दूर है लेकिन अभी तक जनवरी और फरवरी की सैलरी भी आंगनबाड़ी कर्मियों को नहीं मिली है.
दिल्ली बीजेपी ने नहीं किया कोई मदद
यूनियन के अध्यक्ष शिवानी ने कहा बीजेपी आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर की समस्याओं को लेकर अब घड़ियाली आंसू बहा रही है लेकिन हम उनकी चाल में नहीं आएंगे. क्योंकि इससे पहले हड़ताल के दौरान यूनियन के नेतृत्व में क़रीब 50 आँगनवाड़ीकर्मी आईटीआई के बीजेपी स्थित मुख्यालय पर पहुंचीं थीं, तब आदेश गुप्ता ने इन महिलाओं से मिलने से ही इनकार कर दिया था. इसके अलावा 2018 में प्रधानमन्त्री मोदी के आँगनवाड़ी कर्मियों के मानदेय में 1500 रुपये और 750 रुपये की बढोत्तरी के पैसे की अदायगी के मुद्दे पर भी दिल्ली बीजेपी चुप्पी साधे हुए है.
आप और बीजेपी के चुनावी बहिष्कार का चलाया जा रहा है अभियान
अब अचानक दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आंगनबाड़ी कर्मियों की समस्याओं पर इतने आँसू क्यों बहा रहे हैं, और दिल्ली बीजेपी आंगनबाड़ी कर्मियों की हितैषी बनने का ढोंग क्यों कर रही है? इसके पीछे की सच्चाई यह है कि पिछले एक सप्ताह से पूरी दिल्ली में आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा आने वाले निगम चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों के चुनावी बहिष्कार का सघन और व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के असर से घबराकर ही दिल्ली प्रदेश बीजेपी बक़ायदा प्रेस वार्ता कर आंगनबाड़ी कर्मियों का हितैषी बनने का पाखण्ड कर रही है.
बीजेपी बहा रही है केवल घड़ियाली आंसू
बता दे सोमवार को दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा था कि आंगनबाड़ी महिलाओं को दिल्ली सरकार द्वारा बर्खास्त करना मानवीयता को शर्मसार करना और निंदनीय है जिसको लेकर बीजेपी 23 मार्च को विधानसभा के बाहर प्रचंड विरोध प्रदर्शन करेगी, हालांकि बीजेपी के साथ को लेकर आंगनबाड़ी यूनियन का कहना है केवल घड़ियाली आंसू बीजेपी की ओर से बाहर जा रहे हैं जबकि उनके ही राज्यपाल की ओर से उनकी हड़ताल पर एस्मा लगाकर उसे खत्म करवाया गया क्या इसकी जानकारी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को नहीं थी.
पीडित आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ खड़ी है यूनियन
यूनियन की अध्यक्ष शिवानी का कहना है कि हड़ताल पर लगे एस्मा और आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर के टर्मिनेशन को लेकर हम हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं, और हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट सही फैसला लेते हुए गैरकानूनी टर्मिनेशन को रद्द करेगा, पीड़ित आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ यूनियन खड़ा हुआ है साथ ही उन्होंने कहा कि यदि हमें न्यायालय से भी न्याय नहीं मिलता तो हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
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