Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग को खारिज कर दिया. माकपा नेता वृंदा करात ने हाईकोर्ट में 2020 में सीएए  के विरोध के दौरान कथित नफरत भरे भाषणों के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. 


FIR ले पहले मंजूरी आवश्यक


जज चंद्रधारी सिंह के अनुसार याचिकाकर्ता के पास वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं. कोर्ट ने मामले के संबंधित प्रवधानों के तहत सरकारी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिये मंजूरी की बात की. कोर्ट के अनुसार निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है, और याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई मामला बनाया नहीं जिसमें हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की आवश्यता हो. मकपा नेता वृंदा करात ने अक्टूबर 2021 में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. आदेश में कहा गया था कि दोनों व्यक्ति संसद सदस्य हैं और एफआईआर (FIR) दर्ज करने के आदेश के चरण में सीआरपीसी (CRPC) की धारा 196 के अनुसार केंद्र सरकार की सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है.


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वृंदा करात का आरोप


याचिकाकर्ता वृंदा करात ने आरोप लगाया था कि अनुराग ठकुर और प्रवेश वर्मा ने लोगों को भड़काने की कोशिश की, जिसकी वजह से दिल्ली में CAA का विरोध कर रहे दो अलग-अलग जगहों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुयी. बता दें कि जज चंद्रधारी सिंह ने 25 मार्च को इस याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था. इसमें दावा किया गया था कि नेताओं के खिलाफ गंभीर अपराध बनाया गया है इसलिये नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिये.


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