Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर से दुष्कर्म करने के 20 वर्षीय आरोपी छात्र को अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अक्लमंद और 35 वर्षीय विवाहित महिला है और उसका एक साल से भी अधिक समय से उसके साथ प्रेम संबंध था तथा वह अब तक वैवाहिक उम्र के नहीं हुए किसी व्यक्ति के साथ संबंध बनाने के अंजाम से भलीभांति अवगत थीं. जस्टिस सौरभ बनर्जी ने कहा कि पहली नजर में यह प्रतीत होता है कि महिला, जो ‘‘शैक्षणिक रूप से उच्च योग्यता रखती हैं’’ और गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, उन्होंने ‘‘आंख-कान खुले रख कर आवेदक के साथ आगे बढ़ना अपनी मर्जी से चुना होगा.’’
अदालत ने कहा कि उसके समक्ष उपलब्ध सामग्री से प्रतीत होता है कि ‘‘आरोप लगाने वाली महिला का आवेदक के लिए प्रेम और जुड़ाव था.’’ जस्टिस ने कहा कि आवेदक का जीवन बेदाग रहा है और अग्रिम जमानत के मानकों को वह पूरा करता है. अदालत ने हालिया आदेश में कहा, ‘‘यह अदालत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती कि आरोप लगाने वाली महिला पूरी तरह से अक्लमंद और 35 साल की महिला है, और जब उसने आवेदक के साथ संबंध बनाया, तब लड़के की उम्र 20 साल के करीब थी.
दोनों ने की मनाली में शादी
इस तथ्य को लेकर भी कोई विवाद नहीं है कि आरोप लगाने वाली महिला पहले से शादीशुदा है, लेकिन अब तलाक लेने की प्रक्रिया में है.’’ महिला प्रोफेसर ने बताया कि उसकी आरोपी से फरवरी 2022 में मुलाकात हुई थी और मई 2022 में आधिकारिक यात्रा के दौरान मनाली में दोनों ने एक मंदिर में शादी कर ली और छात्र ने भविष्य में कानूनी रूप से शादी करने का वादा किया. यह भी आरोप लगाया गया है कि छात्र के साथ रिश्ते में रहने के दौरान वह यानी महिला दो बार गर्भवती हुई.
आरोपी के संपर्क में आई थी महिला
अदालत ने टिप्पणी की कि फरवरी 2022 को संपर्क में आने के बाद से शिकायत दर्ज करने के बीच महिला ने कभी किसी तरह की शिकायत आरोपी के खिलाफ नहीं की और न ही प्राथमिकी दर्ज कराने में हुई देरी का कानूनी दस्तावेज दिया. अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा प्राथमिकी 19 जुलाई 2023 को दर्ज की गई, जबकि आरोप लगाने वाली महिला ने स्वीकार किया है कि वह फरवरी 2022 में आरोपी के संपर्क में आई थी और प्राथमिकी दर्ज होने तक, एक साल से अधिक समय तक उनका आपस में संबंध रहा.’’
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