Delhi: दिल्ली HC ने 'सीरियल किलर' चंद्रकांत झा को दी पेरोल, कहा- 'सबसे बड़ी बेटी के लिए योग्य वर...'
Delhi High Court News: दिल्ली उच्च न्यायलय में सीरियल किलर की पैरोल याचिका का सरकारी वकील ने विरोध किया था, जिसमें उन्होंने दोषी के आपराधिक पृष्ठभूमि और हत्या के तीन मामलों को आधार बताया.

Delhi High Court on Serial Killer Parole: दिल्ली उच्च न्यायालय ने हत्या के तीन मामलों में दोषी करार दिये जाने के बाद उम्र कैद की सजा काट रहे 'सीरियल किलर' चंद्रकांत झा को बुधवार (16 अगस्त) को 90 दिन की पैरोल दे दी. न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने उल्लेख किया कि झा ने 15 साल से अधिक समय जेल में बिताया है और उसे पिछले तीन साल के दौरान रिहा नहीं किया गया है, जबकि जेल में उसका आचरण 'संतोषजनक' रहा है.
चंद्रकांत झा को अदालत की अनुमति के बगैर शहर से बाहर नहीं जाने का निर्देश देते हुए, न्यायाधीश ने उसे पैरोल पर अपनी रिहाई के वक्त जेल अधिकारियों और संबद्ध थानाध्यक्ष को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने को कहा है. इसके अदालत ने उसे हर तीसरे दिन स्थानीय थाने में हाजिरी देने का आदेश दिया. दोषी ने इस आधार पर पैरोल देने का अनुरोध किया था कि चार बेटियों का पिता होने के नाते उसे अपनी सबसे बड़ी बेटी के लिए एक योग्य वर ढूंढना है क्योंकि परिवार में कोई अन्य पुरुष सदस्य नहीं है.
कोर्ट ने पैरोल देते हुए ये कहा
दोषी चंद्रकांत झा ने ये भी कहा कि अपने परिवार के साथ सामाजिक संबंध दोबार स्थापित करने के लिए उसे रिहा किया जाना अत्यधिक आवश्यक है. अदालत ने पैरोल देते हुए कहा, 'याचिकाकर्ता ने साढ़े 15 साल से अधिक समय जेल में बिताया है और उसे पिछले तीन वर्षों के दौरान रिहा नहीं किया गया है. उसका आचरण संतोषजनक है. उसे पांच मौकों पर पैरोल पर और सात अवसरों पर फरलो पर रिहा किया गया और उस पर ऐसा कोई आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता ने इस छूट का दुरूपयोग किया.'
सरकारी वकील ने दोषी की याचिका का किया था विरोध
अदालत ने चंद्रकांत झा के पैरोल को स्वीकारत करते हुए कहा, 'याचिका स्वीकार की जाती है और याचिकाकर्ता को 90 दिनों की अवधि के लिए पैरोल दी जाती है. याचिकाकर्ता अपनी रिहाई की तारीख से 90 दिनों की अवधि समाप्त होने पर संबद्ध जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसपर्मण करेगा.' अदालत ने झा को 25 हजार रुपये का एक निजी मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानत बांड देने को कहा. सरकारी वकील ने पैरोल के लिए झा की याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि है और हत्या के तीन मामलों में दोषी करार दिया गया है.
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