Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह पहले केंद्र की अग्निपथ योजना को सीधे तौर पर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. इसके बाद कुछ पुराने विज्ञापन (Advertised) के तहत सशस्त्र बलों (Armed Force) के लिए भर्ती प्रक्रिया से संबंधित याचिकाओं पर फैसला करेगा.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि वह योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगी. बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से अग्निपथ योजना और पिछले कुछ विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों के लिए भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित याचिकाओं को अलग करने को बोला है. इसके साथ ही अदालत के सामने चार्ट प्रस्तुत करने को कहा है. बेंच ने कहा, ‘‘पहले हम अग्निवीर मामले को देखेंगे. यहां प्रमुख मुद्दा अग्निवीर है, यह हमारी राय है. इस मुद्दे पर इस तरह फैसला हो या उस तरह, असर दूसरे मामलों पर भी होगा.’’
12 दिसंबर को दोपहर ढाई बजे होगी सुनवाई
वहीं बेंच ने आगे कहा कि अदालत सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं कर सकती इसलिए पहले अग्निपथ मुद्दे को लेगी. कोर्ट ने कहा हम इसे 12 दिसंबर को दोपहर ढाई बजे सुनवाई करेंगे. एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने अनुरोध किया कि दिन प्रतिदिन आधार पर मामले में सुनवाई की जाए. इसपर बेंच ने कहा कि वह इस पर विचार करेगी. बेंच ने कहा कि केंद्र द्वारा दायर जवाब केवल अग्निपथ योजना तक सीमित है. वहीं अन्य याचिकाओं से इसका लेनादेना नहीं है और यदि सरकार कुछ जोड़ना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है.
सरकार ने पहले ही दाखिल किया था जवाब
अदालत ने पक्षों को मामले में अन्य कोई अतिरिक्त जवाब सुनवाई की अगली तारीख से पहले दाखिल करने की स्वतंत्रता दी. केंद्र ने अग्निपथ योजना और पिछले कुछ विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों के लिए भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित अनेक याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब पहले ही दाखिल किया था. इसमें केंद्र सरकार ने कहा कि अग्निपथ योजना में कोई कानूनी कमजोरी नहीं है. दरअसल, सरकार ने कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत, अभेद्य और बदलती सैन्य जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए लाई गई है. अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी.