Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीजेपी विधायक विजेंद्र कुमार गुप्ता के चुनाव को चुनौती देने का मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने लिखित में अदालत के सामने अपना पक्ष रखने का आदेश दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी से संपर्क करने और एक वकील नियुक्त करने का भी निर्देश दिया. 


मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष अपने मामले पर बहस करने में सक्षम नहीं है. याचिकाकर्ता न तो अदालत की ठीक से सहायता कर रहा है और न ही अपने लिए वकील नियुक्त कर रहा है. ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका के प्रति गंभीर नहीं है. 


दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका पर अभी तक नोटिस जारी नहीं किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी.


 उम्मीदवार के खर्च में नहीं आता ये पैसा 


दूसरी तरफ अरविद केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि पार्टी के स्टार प्रचारकों की जनसभाओं पर खर्च किया गया पैसा उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं आता है। बता दें कि याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च का चुनाव आयोग के सही तरह से खुलासा नहीं किया गया है. 


दोनों नेता पर EC को गलत जानकारी देने का आरोप


दरअसल, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के निर्वाचन को रमेश खत्री ने साल 2020 में चुनौती दी थी. दोनों याचिकाएं जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच के सामने लिस्ट की गई थी. याचिका में कहा गया कि इन दोनों नेताओं ने अपने चुनाव खर्च के बारे में गलत जानकारी दी है. ऐसा कर दोनों नेताओं ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं, याची ने दोनों नेताओं को अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की भी अदालत से मांग की है. 


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