Delhi High Court On Asha Kiran Shelter Home Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (5 अगस्त) को कहा कि विक्षिप्त लोगों के लिए शहर की सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में रह रहे 14 लोगों की हाल में हुई मौत एक ‘‘अजब संयोग’’ है. कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि “लगभग सभी मृतक” टीबी से पीड़ित थे. पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता और सीवर पाइपलाइन की स्थिति की जांच करने तथा इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.


पीठ ने समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी छह अगस्त को आश्रय गृह का दौरा करने और एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. उसने जोर देकर कहा कि मामले में “सुधारात्मक उपाय” किए जाने की जरूरत है और अगर आश्रय गृह में क्षमता से ज्यादा लोग रहे हैं, तो प्राधिकारी कुछ लोगों को दूसरे प्रतिष्ठानों में स्थानांतरित करेंगे.


14 लोगों की हो गई थी मौत
जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में एक बच्चे सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी. मौतों की जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मामले को सात अगस्त को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 ‘विक्षिप्त’ लोग रह रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, इस आश्रय गृह में फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.


अगली सुनवाई होगी 7 अगस्त को 
अदालत, जो मौत की जांच जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, ने मामले को 7 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी से केंद्र में 25 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में यहां 980 विकलांग लोग रहते हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.


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