Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंपने का निर्देश दिया. जज जसमीत सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपने किसी व्यक्ति से कब्जा ले लिया है, आप उस व्यक्ति को कब्जा वापस कर दें. कोर्ट ने कहा कि मैं संपत्ति के शीर्षक के लिए प्राथमिकी का फैसला नहीं कर रहा हूं, यह मेरे सामने मुद्दा नहीं है. कोर्ट ने निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मुख्यालय में जारी पाबंदियों के संबंध में दिल्ली पुलिस के रुख को खारिज कर दिया.
2020 में किया गया था बंद
हाई कोर्ट ने मई में मस्जिद की पांच मंजिलों पर नमाज अदा करने की अनुमति दी थी. साल 2020 में तब्लीगी जमात के सम्मेलन के बाद पुलिस ने इस मस्जिद को बंद कर दिया था और चाबियां अपने पास रख ली थीं. जज जसमीत सिंह ने कहा कि चाबियां उसी को सौंपनी होगी, जिससे ये ली गई है. पुलिस की ओर से पेश वकील रजत नायर ने कहा कि इसके लिए संपत्ति के मालिक को आगे आना होगा, कोर्ट ने मरकज प्रबंधन को पुलिस के पास जाने के लिए कहा. कोर्ट ने पुलिस से कहा कि आप चाबियां सौंप देंगे और जो भी शर्ते होंगी, लगाएंगे. दिल्ली पुलिस के वकील ने यह भी कहा कि उसे क्षतिपूर्ति बांड भरने पर संपत्ति सौंपने में कोई आपत्ति नहीं होगी. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी.
बता दें कि साल 2020 में करोना महामारी के समय निजामुद्दीन मरकज में बड़ी संख्या में तब्लीगी जमात के लोग ठहरे हुए थे. मरकज में रुके कुछ लोगों को कोरोना हुआ जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ था. इसके बाद दिल्ली पुलिस के द्वारा निजामुद्दीन मरकज का सील कर दिया गया थी.
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